________________
૪
व
राजा (रघु ) ने चढ़ाई किए जाने वाले कुबेर से प्राप्त इन्द्र) व से विदीर्ण किए गये सुमेरु पर्वत के शिखर के समान देदीप्यमान वह सम्पूर्ण स्वर्णराशि कौत्स को प्रदान कर दी ( केवल चोद्रह करोड़ ही नहीं
॥
f
जनस्य साकेतनिवासिनस्तौ द्वावप्य भूतामनिन्दास स्त्रो गुरुमदेाषिकृतिः स्पोर्थिक मामि॥ गुरु के सतुव्य से प्रति के प्रति अनिच्छुकको तथा याचक के मनोरथ से अधिक प्रदान करने वाले राजा ( रघु ) वे दोनों ह अयोध्यावासी लोगों के लिये भी समणी हो गये। या स्तुत्य व्यपार वाले सिद्ध हुए ) || ७ | 1peaproping
FIND DESE UPPE
कुबेरम्प्रति सामन्तसम्भावनया जयाध्यवसायः कामपि सहृदयf share हृदयहारितां प्रतिपद्यते । अन्यच्च जनस्य सात इत्यादि अत्रापि गुरुप्रदेयदक्षिणातिरिक्तकार्तस्वरमप्रतिगृह्णतः कौत्सस्य रघोरपि प्रार्थितशर्तिगुणं सहस्रगुण व प्रयच्छतो निरवधिनिःस्पृहतीदायसम्पत्सातवासिनमाश्रित्याना कामपि महोत्सवमुद्री मार्ततान एवमेषा महाकवि प्रकरणवारिसनिष्यन्दिनी सहृदये. स्वयमुत्प्रेक्षणीया ! - 25 कि
15
६१
(यहाँ ) कुबेर के विषय में सामन्ती को उत्प्रेक्षा करके जलने का प्रयास किसी अपूर्व ही अद्रों की मनोहारिता को प्राप्त करता है भी जनस्य साकेत, इत्यादिपद्म कहा यह भी गुरु की के अधिक स्वर्ण को त लेने वाले कोट्स की क्या याचित से सोमु अहवाल प्रा कहने वाले यह की भी निहता एवं उद्धाहता की सम्पत्ति ने वासियों का आश्रय ग्रहण कर किसी अपूर्व मन्त्रला की भंगिमा को प्रस्तुतु किया इस प्रकार रस को प्रवाहित करने वाला प्रकरणवक्रता का यह सोन्द्र महाकवियों के काव्यों में सहृदयों को स्वयं समझ लेना चाहिए । BELE PRESSURED इमामेव प्रकारान्तरेण प्रकाशयति
EXSUPER funky
TopTESISE TER
फा
इतिवृत्ता मुक्तेावैचितস'
पावलावण्यादन्या भवति व a
AT DIE BIP & the fog
F
तथा यथा बन्धस्य संकलस्यापि जीवितम् ।
TDXF BARE TERE & JE SE Phe :) I Fis
FREE PPPN FISH
his
भाति करणं, काष्ठाधिकदरसनिर्भरम् ॥
इससे प्रक
इतिहास में होने की तमा कविप्रसूत
सड़क स
में