Book Title: Updesh Pushpamala Author(s): Hemchandracharya, Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur View full book textPage 5
________________ शुभाशीर्वाद यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुयी कि, खरतरगच्छ विभूषण साधु सोमगणि द्वारा व्याख्यायित एवं मलधारी आचार्य हेमचन्द्र द्वारा रचित पुष्पमाला का हिन्दी अनुवाद करने का सफल प्रयास आगम ज्योति प्रवर्तिनी श्री सज्जन श्री जी म.सा. की विदुषी शिष्या साध्वी श्री सम्यग्दर्शना श्री जी ने किया है, वह प्रशंसनीय है । विद्वद् वर्ग के साथ सामान्य वर्ग के लिए भी यह अनुवादित ग्रन्थ उपयोगी सिद्ध होगा ऐसा मेरा आत्म विश्वास है । प्रस्तुत पुष्पमाला के प्रकाशन का कार्य अ.भा. जै. श्वे. खरतरगच्छ महासंघ ने करवाया है, जो अनुमोदनीय है। इसी प्रकार खरतरगच्छ के पूर्वाचार्यों के साहित्य का प्रकाशन करवाते रहे यही शुभेच्छा.... साध्वी जी ज्ञान के क्षेत्र में प्रगति करती रहे इसी शुभआशीर्वाद के साथ. Jain Education International उपदेश पुष्पमाला / 3 हितेच्छु आचार्य जिन कैलाश सागर सूरि बालोतरा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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