Book Title: Tulsi Shabda Kosh Part 01
Author(s): Bacchulal Avasthi
Publisher: Books and Books

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Page 527
________________ तुलसी शब्द-कोश 515 नान्ह : वि.पु. (सं० श्लक्ष्ण>प्रा० लण्ह =नन्ह) । सूक्ष्म, महीन । 'करषि कातिबो नान्ह ।' दो० ४६२ नाप : सं०स्त्री० । परिमाण, माप । 'नाप के भाजन भरि जलनिधि जल भो।' हनु० ७ नापे : भूक पुब० । परिमित किये । 'बल इनके पिनाक नीके नापे-जोखे हैं।' गी० १.६५.२ नामि, भी : सं०स्त्री० (सं.)। उदरस्थ गर्तविशेष । मा० १.१४७; ७.७६ नाभिकुंड : रावण की नाभि जिसके लिए प्रसिद्ध है कि भीतर अमृतकुण्ड था अतः वह मरता न था। मा० ६.१०२.५ नाम : सं०० (सं० नामन्) । (१) संज्ञा-जातिवाचक, गुणवाचक, क्रियावाचक और द्रव्यवाचक शब्द । 'सुमिरिअ नाम रूप बिनु देखें।' मा० १.२१.६ (२) व्यक्तिवाचक शब्द । 'समुझत सरिस नाम अरुनामी ।' मा० १.२१.१ (३) अर्थबोधक आन्तरिक शब्द=स्फोट । 'नाम रूप दुइ ईस उपाधी।' मा० १.२१.२ (४) मन्त्र शब्द । 'नाम जीह जपि जागहिं जोगी।' मा० १.२२.१ (५) सूक्ष्म शब्द या शब्दतन्मात्र जिस पर चित्त एकाग्र कर योगी मधुमती भूमिका प्राप्त करता है। 'साधक नाम जपहिं लय लाएँ ! होहिं सिद्ध अनि मादिक पाएँ ।' मा० १.२२.४ नामकरन : सं०० (सं० नामकरण) । बालक के नाम रखने का संस्कार जो जन्म से दस दिन पर होता है। मा० १.१६७.२ नामन्ह : नाम+संब० नामों। 'राम सकल नामन्ह तें अधिका।' मा० ३.४२.८ नामा : (१) नाम। 'रामचरितमानस एहि नामा ।' मा० १.३५७ (२) (समासान्त में) वि० । नाम वाला । 'भूप अनुज अरिमर्दननामा।' मा० १.१७६.३ (३) नाम वाली । 'मय तनुजा मंदोदरि नामा ।' मा० १.१७८.२ नामानी : नाम+कब० (सं० नामानि)। बहुत नाम । मा० ७.५२.३ नामिनी : वि०स्त्री० । नाम वाली, नाम धारिणी । 'बहुनामिनी ।' विन० १८.२ नामी : वि.पु । नामवाला, नामधारी, संज्ञी। 'समुझत सरिस नाम अरु नामी।' मा० १.२१.१ नामु, नामू : नाम+कए । एकमात्र नाम । 'जपहिं नामु जन आरत भारी ।' मा० १.२२.५ नामैं : नाम को, नाम ही को । 'हर से हर निहार जपें जाके नामैं ।' गी० ५.२५.२ नाय' : आo-भूकृ०+उए । मैंने झुकाया। 'देखि चरन सिरु नायउँ ।' मा० ७.११० ख नायउ : भूक००कए० । झुकाया । पुनि सिरु नायउ आइ ।' मा० ७.१० ख

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