Book Title: Trigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti Author(s): Lakshmivijay Publisher: Bhogilal Kalidas Shah View full book textPage 7
________________ ( ७ ) ३६ केटला तीर्थङ्करने उपसर्ग थया अने केटलाने ते नथी थया ? १७ ३७ २४ तीर्थङ्करने देवदृष्य वस्त्र क्यां सुधी रह्यं ? ३८ केटला तीर्थङ्कर आर्य, अनार्य देशमां अने केला ती० १७ .... आर्य देशमां विचर्या छे ? .... .... B00 ३९ आर्यदेश तथा अनार्य देश क्यां होय ? ४० आ भरत क्षेत्रना २५ ।। आर्य देशनां नाम तथा तेमां श्री **** .... २१ तीर्थङ्कर, चक्रवर्त्त्यादिक महा पुरुषोनो जन्म होय तेम दर्शावो. १९ ४१ ३१९७४ || अनार्य देश छे तेमांथी केटलाएकनां नाम तथा त्यांना अनार्य मनुष्योनी अज्ञता निवेदन करो. ४२ निकाचित जिननाम कर्म कइ गतिमां कोण शुं कृत्य करवा वडे करीने उपार्जन करे ते फरमावो. २२ ४३ रसोदयनी अपेक्षाए जिनाम कर्मनो उदय क्या थाय छे ? २२ ४४ जिननाम कर्मनो अबाधाकाल अन्त मुहूर्त्तनो कह्यो छे ते क अपेक्षा ते कहो. २३ ४५ वैमानिक तथा आय नरक त्रिक सीवाय बीजा स्थानथी आवी कोइ तीर्थङ्कर थाय छे ? .... २३ ४६ जेम आ भरतक्षेत्रमां २० तीर्थङ्कर समेत शिखरने विषे सिद्धि वर्या तेम ऐरवत क्षेत्रमा २० तीर्थङ्कर क्यां सिद्धि वर्या ? २३ ४७ श्री तीर्थङ्कर वीतराग देवोने १८ दोष न होय ते कया ? २४ ४८ श्री सुविधिनाथथी श्री शान्तिनाथ पर्यन्त आठ तीर्थङ्करो - नासात आंतराम तीर्थनो व्यवच्छेद काल केटलो .... २४ ४९ श्री तीर्थङ्कर भगवानने प्रथमनी त्रण समिति होय इत्यादि ? २५ ५० सामान्य केवली तीर्थङ्करने नमस्कार न करे एवो उल्लेख २५ क्यांइ छे ? ५१ तर्थङ्करने अर्थे करेलुं होय ते वीजा साधुओने कल्पे ?.... २७ .... .... .... १८ १८ ....Page Navigation
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