Book Title: Trigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Author(s): Lakshmivijay
Publisher: Bhogilal Kalidas Shah

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Page 10
________________ ( १० ) १३ चक्रवर्त्तियोना अस्थिओने देवताओ ग्रहण करेछे के केम १४३ १४ नथी त्याग कर्यो राज्यनो जेओए एवा चक्रवर्त्तिओ म नेक्यां जायछे ? १५ चक्रवत्तिओनी १६००० देवो सेवा करेछे तेम अर्द्धचक्रवर्त्त वासुदेवोनी ८००० देवो सेवा करे के केम ? १६ वासुदेवो क्यांना आव्या थाय छे ? १७ वासुदेवने केटली स्त्रीयो कही छे ? ९८ प्रतिवासुदेवनी माता केटला स्वप्न देखे ? १९ रामस्त्री सीतासती कया महाराजानी पुत्री छे ? २० द्रौपदी महासती कालकरीने क्यां गई ते कहो. २१ युधिष्ठिर विगेरे पांच पांडवोने द्रौपदी पासे जवाना वा .... राहता के केम .... .... ..... .... .... **** .... .... .... ४३ ? २२ नारदमुनि सम्यग्दृष्टि के मिथ्यादृष्टि २३ पद्मोत्तर राजा पोताना मित्र देवता पासे द्रौपदीहरण कराव्यं ते देव कनिकायनो हतो ? २४ भीष्मपिता कए ठेकाणे कोनी पासे चारित्र लेड क्यों गया ! ४७ २५ पांडवोवीशकडीमुनिसाथै श्रीसिद्धाचलपर सिद्धिवर्याछे. ए ४७ ठेकाणे “कोडी” एटले वीशएम केटला एक बोले छेतेनुंकेम ? ४८ २६ देवताओ श्रीजिनेश्वर भगवाननीदाढा विगेरेलेइजइभुंकरे छे ? ४८ २७ सर्वे देवोनो श्री जिनदादादि ग्रहण करवामां अभिप्राय सरखो हशे के केम ? .... ४३ ४४ ४४ ४६ ४६ ४६ ४७ ४७ ४९ २८ जेनुं चित्तधर्मने विषे अस्थिर छे तेनो आत्मा केवो जाणवो ? ४९ २९ कोनो संसारमा प्रचार न होय ? ५२ ३० विद्याग्रहण करवाना केटला उपाय के ? ५२. ३१ जे गुरुर उपकारबुद्धिथी जेने भजावेल होय ते जो ते गुरुने गुरूपणे न माने तो ते केवो जाणत्रो ? ५२

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