Book Title: Trigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Author(s): Lakshmivijay
Publisher: Bhogilal Kalidas Shah
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५२ स्त्रीरत्ननी संखावर्तीयोनिमां जीवो गर्भपणे उपजे छ, ___ पण निष्पन्न थता नथी तेनुं शुं,कारण ? ..... .... ६१ ५३ औदारिक शरीरवाळी स्त्रीने कोइ देवता भोगवे तो ते स्त्री___ गर्भ धरे के केम ? .... .... .... ६२ ५४ स्त्रीने गर्भोत्पत्ति क्यारे थायछे, अने तेनो केटलो काळ कोठे?६२ ५५ पोतानी माताना उदरमा जीव गर्भपणे वधारेमां वधारे
क्यांसुधी रहे ते कहो. .... ५६ गर्भमा रहेलो जीव, ओजआहार करे के लोमआहार के ।
प्रक्षेपआहार करे ? ५७ चउविहार पञ्चख्खाण स्त्री साथे संयोग कस्तां भांगे के केम ? ६३ ५८ मुक्ताफळ (मोती) सचित्त छे के अंचित्त छे ? .... ६४ ५९ मुक्ताफळनी ( मोतीनी) उत्पत्ति क्यों थती हंशे ? .... ६४ ६० उतावळथी चालनार घोडाना पेटमां "खबरक खबरक"
· शब्द थायछे. ते शुं पाणीनो शब्द हशे ? .... ६४ ६१ एक समये वायुना वैक्रिय शरीर केटला होय ? .... ६५ ६२ भाषानुं संस्थान केवे आकारे होय ? .... .... ६३ गर्भज तिर्यश्चपञ्चेन्द्रिय जीवोनी तथा मनुष्य पञ्चेन्द्रिय ___जीवोनी मिश्रायोनि केम कही? ... .... ६५ ६४ हंस, उदकंमिश्रितक्षीरने जुदं करीने पीएछे ते शाथी ? ६६ ६५ साधु, असाधुनी, कोइनीपण निंदा न करवी अने में करे ।
ते भवान्तरमां केवा अवतार पामे ते कहो ? .... ६९ ६६ दुर्जन मूर्खमाणसने पण्डितपुरुषो पोतानी सोबतमा ले
धर्मोपदेश देइ सुधारे तो ते शुं न सुधरे ? .... ६७ श्रीजिनप्रतिमाने विष आचार्यवासक्षेप करे ? ....
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