Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala
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वि० सं० १८५२
४।२९४ ४१३०६ २०१७१ १३२२ ४१२६२ ४॥३११ ४४३२१ २।२०५ २१४४४
सदासुख काशलीवाल सुधा - कवि समन्तभद्र सहवा सालिवाहन कवि साल्व सावाजी विद्धसेन सिंहनन्दि सिंह महाकवि सुप्रभाचार्य सुमति सुमतिकीति सुमतिदेव सुरेन्द्रकोति सुरेन्द्र भूषण सूरिजन सोमकीति सोमदेवसरि सोमनाथ सोमसेन स्वयम्भुदेव महाकवि हरिचन्द कवि (जगमित्रहल) हरिचन्द द्वितीय हरिचन्द्र महाकवि हरिदेव हरिषेण हरिषेण हस्तिमाल
ई० 2री शती शक स. १७वीं शती वि० १७वीं शसी ई० १५५० शाक सं० १६वीं शती वि० सं० १२५ के आसपास ई० २री शती वि० १२-१३वीं शती ११-१२वीं शती ८वीं शतीके लगभग वि०१६-१७वीं शती ७-८वीं शती वि० १८वीं शती वि० १८वीं शती उत्तरार्द्ध
१९९७ रा४४६
३/२८७ ३४५१
४३२१ ३।३४४
वि० सं० १४८०-१५००
वि० १७वीं शती उत्तरार्ध ई० ७८३ वि० १५वीं शती १५वीं शती ई० १०वीं शती वि० १२-१५वीं शती ई०१०वीं शती मध्य वि० ११वीं शत्ती ई० ११६१-१९८१
४२२२
१४ ४/२१८
११२० ३।२७५
परिशिष्ट : ४५९
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