Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala

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Page 507
________________ समयसार-तात्पर्यवृत्तिटीका जयसेन द्वितीय समयसारनाटक-वचनिका सदासुख कासलीवाल समयसार-हिन्दीटीका राजमल्ल समवशरणपूजा (केवलज्ञानधर्चा) रूपचन्द्र समवशरणषट्पदी छत्रसेन समाधितन्त्र पूज्यपाद समाधितन्त्र-टीका प्रभाचन्द्र समाधिमरणोत्साहदीपक सकशकोत्ति समापिरास भगवतीदास सम्बोधपंचाशिका रइध सम्बोधसत्ताणुभावना पीरपन्द्र सम्बोषसहस्रपदी महितसागर सम्मइजिणचरिउ रघु सम्मत्तगुणणिहाणफब्ब सम्भेदाचल-पूजा गंगादास सम्यक्त्वकौमुदी दयासागर मंगरस जोधराज गोदीका सम्यस्वप्रकाश डालूराम सम्यक्त्वभावना सम्यग्गुणारोहणकाव्य सयलविहिविहाणकव्व नयमुन्दि सरस्वतीपूजा जिनदास ज्ञानभूषण चन्द्रकीत्ति सरस्वतीमत्रकल्प मल्लिषेण सरस्वती-स्तुति ज्ञानभूषण सर्वज्ञसिद्धि (लघु तथा बृहत) अनन्तकोत्ति सर्वार्थसिद्धि-चचनिका जयचन्द छावड़ा सवणवारसिविहाणकहा गुणभद्र सहस्रनामस्तवनसटीक आशाघर सागारधर्मामृत (धर्मामृत) सारचतुर्विशत्तिका सकलकत्ति ३२१४३ ४।२९६ ४१३०४ ૪ર૧૭ ३१४४६ स२२९ ३२५० ३३३० ४।२४० ४॥२०१ श६७७ ४॥३२० ४॥२०२ १२०५ ३२४४८ ४।३२२ ४३१० १३०३ ४३०६ ४१२०१ ४/२०१ ३३२९४ ३।३४० ३१३५२ रधू ३११७६ ३२३५२ ३१६७ ४॥२९२ ४/२१७ ४।४६ परिशिष्ट : ४९३

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