Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala

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Page 488
________________ दशलक्षणजयमाला दशलक्षण रास " दशलक्षणी व्रतकथा दहलक्खणवय कहा दानकथा दानबावनी दानशीलसपभावनारास देवागम स्तोत्रटीका देवेन्द्रकीत्ति की वाणी दश-भक्ति द्रव्यसंग्रह-भाषावचनिका द्रोपदीहरण द्वादशाङ्गपूजा द्वादशानुप्रेक्षा : JI 1) द्वादशीकथा द्विसन्धानमहाकाव्य वण्णकुमारचरिउ धष्णकुमाररास धनकलश कथा धनपालरास धन्यकुमारचरित ♪♪ " " 11 रहधू भगवतीदास जिनदास ललितकीति गुणभद्र भारामल द्यानत्तराय सूरिजन जयचन्द छावड़ा महितसागर पूज्यपाद जयचन्द छावड़ा ਦੇਰ श्रीभूषण भगवतीदास दीपचन्दशाह सकलकीति कार्तिकेय ब्रह्मज्ञानसागर घनञ्जय रद्दधू जिनदास ललितकीत्ति जिनदास खुशालचन्द काला सकलकीति ब्रह्म नेमिदत्त गुणभद्र द्वितीय जयचन्द छाबड़ा धम्मपरिक्खा हरिषेण पद्मनन्दि प्रथम धम्मरसायण धर्मचरितटिप्पण अमरकीति गणि ४७४ : तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा ४/२०१ ४१२३९ ३१३३९ ३१४५३ ४।२१८ ४३०५ ४/२७७ ४१३३१ ४/२९२ ४/३२० २२२५ ४२९२ ३१४४६ ३।४४१ ४।२४०,२६६ ४२९४ ३।३३० २।१३८ ३१४४३ ४८ ४२०४ ३।३३९ ३।४५३ ३|३४० ४ ३०३ ३३३२ ३ |४०४ ४१५९ ४२९२ ४४१२२ ३१२१ ४१५७

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