Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala
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३१४४५ ४१३११
सोमदेव भट्टाकलङ्क (भट्टारक) शाकटायन प्रभाचन्द्र
३।२०
शब्दरत्नप्रदीप शब्दानुशासन
, (अर्मोघवृत्तिसहित) शब्दाम्भोज-भास्कर शाकटायनन्यास शाकटायनव्याकरणटीका शान्तिजिनस्तोत्र शान्तिनाथ-आरती शान्तिनाथचरित
भावसेन विद्य भट्टारक पद्मनन्दि जिनसागर शुभकीर्ति
२१५०
३१५० ३२६० ३।३२३ ३२४५०
३२४१३
सकलकीति
४७१
४१३
૪૨૪ ४/३११
रामचन्द्र मुमुक्षु
असग शान्तिनाथपुराण
श्रीभषण देवदत्त
शान्तिकोति शान्तिनाथराय
देवदत्त शान्तिनाथस्तवन
शुतार समि शान्तिनाथस्तोत्र
जिनसागर शान्तिपुराण जिनाक्षरमाले पोन्न कवि शान्तिस्वरपुराण
कमलभव शास्त्रपूजा
जिनदास शास्त्रमण्डलपूजा
ज्ञानभषण शास्त्रसारसमुच्चय
माघनन्दि शिक्षावली
भगवतीदास शिखामणिरास
सकलकीति शिखिरसम्मेदाचलमाहात्म्य
मनरंगलाल शिल्प्पड्डिकार (नुपूर महाकाव्य) इलंगोवडिगल शीतलनाथगीत
सुमतिकीर्ति शीलकथा
भारामल शोलपताका
महाकीर्ति शृङ्गारमञ्जरी
अजितसेन शृङ्गारसमुद्रकाव्य
লালাখ ४९० : तीर्थकर महावीर और उनकी आचार्यपरापरा
४।१२४ ३१३९४ ३४५० ४१३०७ ४१३११ ३३३४० ३१३५२ ३२२८५ ४॥२७२
४३०६ ४।३१४,३१७
३३३८१ ४।३०५ ४॥३२१
४१३१
४।११
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