Book Title: Tirthankar Mahavira Part 1 Author(s): Vijayendrasuri Publisher: Kashinath Sarak Mumbai View full book textPage 8
________________ २६० २७० २७६ २८२ २६४ २६८ ३०७ ३१० ३१३ ३१६ ३२२ गणधरवाद (१) इन्द्रभूति (२) अग्निभूति (३) वायुभूति (४) व्यक्त (५) सुधर्मा (६) मण्डिक (७) मौर्य (८) अकम्पित (६) अचलभ्राता (१०) मेतार्य (११) प्रभास परिशिष्ट परिशिष्ट-१ महावीर कालीन धार्मिक स्थिति ३३२, क्रियावादी ३३४, अक्रियावादी ३३५, अज्ञानवादी ३३६, विनयवादी ३३७, बौद्ध-ग्रंथों में वर्णित कुछ दार्शनिक विचार ३३८, तापस ३३६, बौद्ध-ग्रंथों में वरिणत ६ तीर्थंकर ३४५, देवी-देवता ३४५, इन्द्रमह ३४९, स्कंदमह ३५५, रुद्रमह ३५५, मुकुन्दमह ३५६, शिवमह ३५६, वेसमणमह ३५६, . नागमह ३५७, यक्षमह ३५८, भूतमह ३६१, अज्जा-कोट्टिकिरिया ३६१, निशीथ में वर्णित कुछ देवी-देवता ३६१, परिशिष्ट-२ भगवान महावीर के छद्मस्थ अवस्था के विहार-स्थल परिशिष्ट-३ गणधर टिप्पणि (मोरियसन्निवेश) ३३२ ३६७ ३७० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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