Book Title: Tirthankar Mahavira Part 1
Author(s): Vijayendrasuri
Publisher: Kashinath Sarak Mumbai

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Page 6
________________ विषय-सूची भूमिका दो शब्द सहायक-ग्रंथ विषय-प्रवेश भूगोल द्वीप १, समुद्र २, वैदिक दृष्टिकोण ३, बौद्ध दृष्टिकोण ४ । कालचक्र सुषम-सुषम ६, सुषम ८, सुषम-दुषम ६, दुषम-सुषम १०, दुषम ११, दुषम-दुषम १४ । ऋषमदेव दण्डनीति २२, बहत्तर कलाएँ २६, स्त्रियों की चौसठ कलाएँ २८, ऋषभदेव के पुत्र ३० । भगवान् पार्श्वनाथ आर्यक्षेत्र ४१, जैन-दृष्टिकोण ४२, बौद्ध-दृष्टिकोण ४८, मध्यम, देश ४९, वैदिक-दृष्टिकोण ५३, विदेह ५४, जैन-दृष्टिकोण ५५, बौद्ध-दृष्टिकोण ५६, वैदिक दृष्टिकोण ५६ । वैशाली बौद्ध-दृष्टिकोए। ६०, वैदिक दृष्टिकोण ६२, जैन-दृष्टिकोण ६३, वैशाली अथवा आधुनिक बसाढ़ ६४, बनिया चकरामदास ७३, कोलुआ ७३, चीनी यात्रियों के काल में वैशाली ७५, क्षत्रियकुंड ७७, कुछ भ्रान्त धारणाएँ ९०, जन्म से गृहस्थ जीवन तक देवानन्दा के गर्भ में १०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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