Book Title: Tattvartha Sutra Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 3
________________ Sil (As86560GJGJGGEEJESKOSEBERJEELUGSAJEWESTHA जैनाचार्य-जैनधर्मदिवाकर-पूज्यश्री-घासीलालजी-महाराज. विरचितया दीपिका-नियुक्त्याख्यया व्याख्याद्वय समलङ्कृतं हिन्दी-गुर्जर-भाषाऽनुवादसहितम् 16056/05 GOGObaloo SRIGIST GoG KHAYI AAMiralISVALE | স্পী বাতৃসুলুল্লু। GANENT (द्वितीयो भागः) नियोजकः GOGOLOGICO संस्कृत-प्राकृतज्ञ-जैनागमनिष्णात-प्रियव्याख्यानि पण्डितमुनि-श्रीकन्हैयालालजी-महाराजः BMWMAU प्रकाशक: GRAXGODOC ANIMAR राजकोटनिवासी-स्व. दोश्युपाह मूलजीभ्रातारात्मज प्रभुलालस्य धर्मपत्नी लाभुवहेनप्रदत्त-द्रव्यलाहाय्येन अ० भा० श्वे० स्था० जैनशास्त्रोद्धारसमितिप्रमुखः __ श्रेष्ठि-श्रीशान्तिलाल-मङ्गलदासभाई-महोदयः मु० राजकोट SH ईसवीसन् प्रथमा-आवृत्तिः प्रति १२०० वीर-संवत् विक्रम संवत् २४९९ २०२९ मूल्यम्-रू० २५-०-० १९७३ 685 ANOHA

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