Book Title: Sthanang Sutram Part 02
Author(s): Vijaychandrasguptasuri
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
View full book text ________________ पृष्ठः श्रीस्थानाङ्ग श्रीअभय० वृत्तियुतम् भाग-२ श्रीस्थानाङ्गसूत्रस्य विषया नुक्रमः // 3 // 599 विषयः सूत्रम् पृष्ठः / क्रमः विषयः सूत्रम् (चारित्रस्वरूपम्)। 427-431 571-572 5.3.2 इन्द्रियार्थाः, श्रोत्रेन्द्रियादि५.२.११ ज्ञानाद्याचाराः मासिकाद्याचार क्रोधादिमुण्डाः, अधऊर्ध्वतिर्यग्बादराः, प्रकल्पाः, प्रस्थापिताधारोपणः / 432-433 576-577 बादरतेजोवायवः, अचित्तवायवः 12 जम्बू- धातकी- पुष्करपूर्वापरार्द्ध (इन्द्रियस्वरूपम् ) / 443-444 592-593 पूर्वसीता पश्चिमसीतोदोत्तर 5.3.3 पुलाकादिनिर्ग्रन्थस्वरूपम्। 445 595-596 दक्षिणवक्षस्कार (20) 5.3.4 धार्यवस्त्र- रजोहरणे। 446 देवकुरूत्तरकुरुहद-सीता- सीतो 5.3.5 धर्मे निश्रास्थानानि, पुत्रादिनिधयः, दामन्दरासन्नोद्वेध- समयक्षेत्रभरतादीनि, पृथिव्यादिशौचानि। 447-449 601 ऋषभ- भरत-बाहुबलि-ब्राह्मी 5.3.6 छद्मस्थेन अज्ञेयाः केवलिना ज्ञेयाः सुन्दरीतनुमानम्। 434-435 578-579 पदार्थाः, महानिरय-विमानानि, 5.2.13 सुप्तविबोधकारणानि, ह्रीसत्त्वादिपुरुषाः, अनुस्रोतश्चर्यादिनिर्ग्रन्थीग्रहणकारणानि। 436-437 580-581 मत्स्य- भिक्षाकाः .2.14 आचार्योपाध्याययोर्गणेऽतिशयाः। 438583 अतिथ्यादिवनीपकाः। 450-454 604 5.2.15 आचार्योपाध्यायगणापक्रमकारणानि, 5.3.7 अचेलकप्राशस्त्यकारणानि, अर्हदादिका ऋद्धिमन्तः। 439-440587 दण्डाद्युत्कलाः, समितयः। 455-457 पञ्चमेऽध्ययने तृतीयोद्देशकः 441-474 589-623 5.3.8 संसारसमापनभेदाः, एकेन्द्रियादिपञ्चास्तिकाया द्रव्यादिभिः, गत्यागती, सर्वजीवभेदाः, गतिपञ्चकम्। 441-442 589-590 कलमसूर-तिलादियोनिकालः, 607 5.3 पत्र
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