Book Title: Sramana 2012 01
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 53
________________ 46 : श्रमण, वर्ष 63, अंक 1 / जनवरी-मार्च 2012 23. चउपन्नमहापुरिसचरिय, शीलांक, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी, 1916 24. सिरिउसहणाह चरियं, श्री विजय कस्तूर सूरीश्वर, सम्पा. चन्द्रोदय विजयगणि, नेमविज्ञान कस्तूर, सूरि ज्ञान मन्दिर सूरत, 1968 25. आदिपुराण, आ. जिनसेन, सम्पा. पन्नालाल जैन साहित्याचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, 1931 26. हरिवंशपुराण, आचार्य जिनसेन, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, काशी, 1962 27. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र, आचार्य हेमचन्द्र, आत्मानन्द सभा, भावनगर, 1936 28. जैन स्तोत्रसमुच्चय, मुनि चतुरविजय, निर्णयसागर प्रेस, बम्बई, 1948, 8-26 29. पं. सुखलाल संघवी, चार तीर्थकर, जैन संस्कृति संशोधान मण्डल, बनारस, 1953 30. पं. कैलाश चन्द्र शास्त्री, जैन साहित्य का इतिहास, गणेश प्रसाद वर्णी ग्रन्थमाला, वाराणसी, 1962 31. आचार्य हस्तिमल, जैनधर्म का मौलिक इतिहास, जैन इतिहास प्रकाशन समिति, जयपुर 32. डॉ. धर्मचन्द्र जैन, प्रागैतिहासिक जैन परम्परा, शंका चैरिटेबल ट्रस्ट, भारत जैन महामण्डल, बम्बई, 1963 33. भरत और भारत, प्रेम सागर जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली 34. आजकल, मार्च 1962, पृ. 8 35. एव वभ्रो वृषभ चेकितान यथा देव न हणीज़ न हंसि। ऋग्वेद, 2/33/15 36. वातरशना हवा ऋषयः श्रमणा ऊर्ध्वमन्धिनो बभूवुः। तैत्तिरीय आरण्यक, 2/7/1 37. इत्थं प्रभवऋषभोऽवतारः श्रोतव्यं च प्रयलतः। शिवपुराण, 4/47-48 38. अष्टषष्टिजु तीर्थेषुस्मरणेनापि तद् भवेत्। मनुस्मृति 39. लिंगपुराण, 48/19-23 40. शिवपुराण, 52/85 आग्नेयपुराण, 10/11-12 41. ब्रह्माण्डपुराण, 14/53। 42. विष्णुपुराण, द्वितीयांश, अध्याय 1, 26-27 43. हिमा हययं द्वयद्वर्ष पुत्रं भरतं पृथिविपत्ति, कूर्मपुराण, 41/37-38। 44. नारदपुराण, पूर्वखण्ड, अध्याय 48 45. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग 1, प्रस्तावना, पृ. 26 46. वही, प्रस्तावना, पृ. 26 47. वसुदेवहिण्डी संघदास गणि, लम्भक 29 48. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, 5/4

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