Book Title: Sramana 2007 04 Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 5
________________ चान । हिन्दी खण्ड • जैन परम्परा में मंत्र-तंत्र डॉ० ऋषभचन्द्र जैन 'फौजदार' • तप : साधन और समाधान डॉ० रज्जन कुमार निरयावलिया-कल्पिका : एक समीक्षात्मक अध्ययन डॉ० सुधा जैन धार्मिक सहिष्णुता और धर्मों के . 'बीच मैत्रीभाव - जैन-दृष्टिकोण डॉ० राजेन्द्र जैन • वैदिक श्रमण-परम्परा और उसकी लोक-यात्रा डॉ० विन्ध्येश्वरी प्रसाद मिश्र ‘विनय' आप्तोपदेश: शब्द: की जयन्त डॉ० जयन्त उपाध्याय भट्टीय व्याख्या का संजय कुमार सिंह कालिदास के नाटकों में प्रयुक्त - प्राकृत के तद्धित प्रत्यय कौशल्या चौहान • तंत्र दर्शन में ज्ञान का स्वरूप - डॉ० जयशंकर सिंह जैन दर्शन एवं योगवासिष्ठ में ज्ञान । - की क्रमागत अवस्थाओं का विवेचन डॉ. मनोज कुमार तिवारी • वैदिक एवं श्रमण परम्पराओं की दार्शनिक पारस्परिकता ने डॉ. विजय कुमार बौद्ध एवं जैन दर्शन में व्याप्ति-विमर्श डॉ० राघवेन्द्र पाण्डेय जैन दार्शनिक चिन्तन का ऐतिहासिक विकास-क्रम डॉ० किरन श्रीवास्तव • प्रकाशित उपांग साहित्य ओम प्रकाश सिंह S RPage Navigation
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