Book Title: Sramana 2005 07 10
Author(s): Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 205
________________ जन जगत् श्रमण, वर्ष ५६, अंक ३-४ जुलाई - दिसम्बर २००५ डॉ० जगदीश प्रसाद जैन का अमेरिका में व्याख्यान जैन मिशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ० जगदीश प्रसाद जैन 'साधक' ने फेडेरशन ऑफ एसोसियेशन इन नार्थ अमेरीका ( JAINA) सान फ्रांसिस्को के पास सान्ताक्लारा, कैलीफोर्निया, (अमेरिका) में १ से ४ जुलाई २००५ में हु द्विवार्षिक सम्मेलन में "जैन साहित्य का ऐतिहासिक और समसामायिक दृष्टिकोण" और " पश्चिमी वातावरण में आन्तरिक शान्ति कैसे प्राप्त करें" विषयों पर दो व्याख्यान दिए। डॉ० जैन द्वारा लिखित पुस्तक Fundamentals of Jainism, जो भगवान महावीर के २६०० वें जन्म शताब्दी महोत्सव के अवसर पर भगवान महावीर फाउन्डेशन, चेन्नई, द्वारा २००३ में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जैन धर्म-दर्शन की अंग्रेजी भाषा में सर्वश्रेष्ठ पुस्तक घोषित की गई, उसका अमेरिका के (JAINA) सम्मेलन में निःशुल्क वितरण किया गया। डॉ० जैन पिछले एक दशक से जैन धर्म के मूल आगम ग्रन्थों के अंग्रेजी में अनुवाद और सम्पादन में संलग्न हैं और अब तक पांच आगम ग्रंथ प्रकाशित कर चुके हैं। डॉ० जैन को पार्श्वनाथ विद्यापीठ की बधाई | आचार्य सम्राट श्री आनन्दऋषि जी महाराज का जन्म दिवस समारोह सोल्लास सम्पन्न जम्मू : अगस्त, २००५। आचार्य सम्राट श्री आनन्दऋषि जी महाराज का १०६वां जन्म दिवस श्रद्धापूर्वक साध्वी श्री विजयश्रीजी, श्री प्रतिभाश्रीजी, श्री तरुलता जी महाराज के सान्निध्य में ७ अगस्त २००५ को जैन स्थानक में मनाया गया। इस अवसर पर १५० के करीब आयंबिल व्रत हुए। कार्यक्रम का आयोजन एस०एस० जैन सभा, जम्मू ने किया। इस अवसर पर साध्वी श्री विजयश्री जी महाराज ने अपने प्रवचन द्वारा आचार्यश्री के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री की जीवन तप, जप, समता व साधना का संगम था। आचार्यश्री एकता व समन्वय भावना के पक्षधर थे। तेरह वर्ष की आयु में उन्होंने घर परिवार त्याग कर संसार को अपना परिवार मान लिया। उनसे प्रेरणा लेकर अनुयायियों ने कई जगह मानव For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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