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जैन जगत्
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सेवा मंदिर चिकित्सालयों तथा धार्मिक पाठशालाओं की की स्थापना की। उन्होंने सम्प्रदायवाद को हमेशा अनुचित माना। इस अवसर पर जैन युवक संघ के प्रधान पंकज जैन व ज्ञात नन्दन जैन ने भी आचार्य श्री के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। सभा के महामन्त्री रमण जैन व राज कुमार जैन प्रधान ने उपस्थित लोगों के प्रति अभार व्यक्त किया।
श्री दिलीप धींग को डॉक्टरेट
उदयपुर, २३ अगस्त, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा " प्रमुख जैन आगमों में प्रतिपादित आर्थिक चिन्तन का समीक्षात्माक अध्ययन” विषयक शोध- प्र - प्रबन्ध पर दिलीप धींग को पी-एच० डी० की उपाधि प्रदान की गई। डा० धींग ने अपना शोध कार्य जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो० प्रेम सुमन जैन के निर्देशन में सम्पन्न किया ।
अपने शोध-प्रबन्ध में डा० धींग ने जैन आगम साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन, आगमिक सिद्धान्तों व आचार - दर्शनों का अर्थशास्त्रीय मूल्यांकन और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आगमिक अर्थ - तन्त्र और जैनाचार का तथ्यात्मक विवेचन किया है।
श्री मुम्बई जैन युवक संघ द्वारा आयोजित पर्युषण व्याख्यानमाला सम्पन्न
श्री मुम्बई जैन युवक संघ प्रतिवर्ष पर्यूषण व्याख्यानमाला का आयोजन करता है जिसमें देश के कोने-कोने से आमन्त्रित विशिष्ट विद्वान जैन धर्म के विविध आयामों पर अपना व्याख्यान देते हैं। पर्यूषण व्याख्यानमाला २००५ का आयोजन दिनांक १.९.२००५ से ८.९.२००५ तक डांग स्वराज आश्रम, आहवा में किया गया। इस व्याख्यानमाला में जिन विद्वानों के व्याख्यान हुए उनमें मुख्य हैं प०पू० साध्वीश्री आनन्दश्री जी, डॉ० गौतमपटेल, श्री सुरेन भाई ठाकुर, डॉ० बलवंत जानी, श्री रश्मि भाई झवेरी, प्रोफेसर विजय पंड्या, डॉ० विनोद अध्वर्यु, डॉ० हंसाबेन शाह, श्री अरुण गुजराती, प्रो० नवीन कुबड़िया, डॉ० नलिनी मडगांवकर, पद्मश्री मुजफ्फर हुसैन, श्रीमती वर्षा अडालज, डॉ० नरेश वेद, योगाचार्य श्री चन्द्रसेन कोठारी आदि।
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नवापारा राजिम में पर्युषण पर्वाराधना सानन्द सम्पन्न
नवापारा राजिम । चातुर्मासार्थ विराजित मधुरभाषी मुनिराज पीयूषसागरजी म० ठाणा २ एवं मधुरभाषिनी पू० प्रियंकराश्रीजी म० ठाणा - ३ के सान्निध्य में पर्युषण पर्व की आराधना सोल्लास सम्पन्न हुई। पर्व के आठों दिवस मुनिराज पीयूषसागरजी, स्वाध्याय रसिक सम्यक्रत्नसागर जी, श्री प्रियकराश्रीजी एवं श्री
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