________________
जैन जगत्
पाँच श्रुत संवर्द्धन वार्षिक पुरस्कारों से एवं सराक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु संस्था अथवा व्यक्ति को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है। पूज्य उपाध्यायश्री के पावन सान्निध्य में आयोजित होने वाले भव्य समारोह में प्रत्येक चयनित विद्वान को रु० ३१,०००/- (सराक पुरस्कार हेतु रु० २५,०००/-) की सम्मान निधि, प्रशस्ति पत्र, शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष पुरस्कारों का विवरण निम्नवत् है।
१. आचार्य श्री शांतिसागर ( छाणी) स्मृति श्रुत संवर्द्धन
पुरस्कार - २००५
२. आचार्य श्री सूर्यसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार २००५
५. मुनि श्री वर्द्धमानसागर स्मृति श्रुत संवर्द्धन पुरस्कार २००५
: २०७
६. सराक पुरस्कार - २००५
यह पुरस्कार जैन आगम साहित्य के पारम्परिक अध्येता को आगमिक ज्ञान के संरक्षणम में उनके योगदान के आधार पर प्रदान किया जायेगा।
३. आचार्य श्री विमलसागर (भिण्ड ) स्मृति श्रुत संवर्द्धन
पुरस्कार २००५
४. आचार्य श्री सुमतिसागर स्मृत श्रुत यह पुरस्कार जैन विद्याओं के शोध / संवर्द्धन पुरस्कार २००५ अनुसन्धान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रदान किया जायेगा। चयन का आधार समग्र योगदान रहता है।
यह पुरस्कार प्रवचन - निष्णात एवं जिनवाणी की प्रभावना करने वाले विद्वान को प्रदान किया जायेगा।
यह पुरस्कार जैन पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जैन पत्रकार को दिया जायेगा।
यह पुरस्कार जैन धर्म/दर्शन के किसी भी क्षेत्र में लिखी हुई मौलिक, शोधपूर्ण, अप्रकाशित कृति पर प्रदान किया जायेगा ।
यह पुरस्कार सराक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु देय होगा।
उपरोक्त पुरस्कार हेतु कोई भी विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता, संस्था अपना आवेदन निर्धारित प्रस्ताव पत्र पर ३०.९.२००५ तक संस्थान के कार्यालय पर प्रेषित कर सकते हैं। प्रस्ताव पत्र एवं नियमावली भी यहीं से प्राप्त की जा सकती है। श्रुत संवर्द्धन संस्थान, प्रथम तल, २४७ दिल्ली रोड, मेरठ ( उ०प्र०)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org