Book Title: Siri Santinaha Chariyam
Author(s): Devchandasuri, Dharmadhurandharsuri
Publisher: B L Institute of Indology
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पल्लीपतिः
| दमियारि
परिशिष्टम्
सिरिसंति-* सुजक्खा
सुव्वया नाहचरिए
*आसबिंदु * दीवसिह * संडिल्लायण * संभिन्नसोय *ससबिंदु
७३० ।
४०१ सीहचंड नैमित्तिकः
७६ सोहवई १०४, १०६ ९७, १०४
करालपिंग ७५, १०४, १०६
२६३, २६४, २६५,२६६, २६८, २७०, २७१, ३०८, ३०९, ३१०, ३३७, ४५९
८१
७९ प्रदेशः
*
४७० २९८, ३६७
पालीपतिपत्नी
३५४ गद्दहगीव पुरोहितः
घोडयग्गीव ६९९, ७००, ७०१, ७०२ प्रकरणग्रन्थः
अवंति अवंतिदेस उत्तरदेस उत्तरावह
कन्नड प्रतिवासुदेवः
कासि ८३, ३२६, ७४, कुंकणदेस ७५, ७६, ७७, ७८, ७९, ८०,
८१, ८२, ८३, ८५, ४०९ | केरलदेस
पक्षिविशेषः
७०१ परिव्राजकाचार्य
५८६, ५८७, ५८८,
* किंजंपि
ठाणयपगरण पवयणसंदोह संगहणी
म भइरवाऽऽयरिय
___ ५८९, ५९२ | आसगीव
पल्ली
* गिरिकुडंगिया
३५४ ।
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