Book Title: Siri Santinaha Chariyam
Author(s): Devchandasuri, Dharmadhurandharsuri
Publisher: B L Institute of Indology
View full book text
________________
*परिशिष्टम
सिरिसंति-* सुतारा
२६१
नाहचरिए
१०२, १०३, १०५, ११६, ११९, १२०, १२१, १२२,
१२३, ३४७
७८१
६३०, ६३१, ६३२,
सुनाणा
नंदण नलदाम माइदेव वसुदत्त वासव समिद्धदत्त सोमदेव
*सुरसुंदरी
*सुलक्खणा * सुलोयणा * सुवण्णचूला
सुवण्णतिलया
राज्ञी साध्वी च रयणमंजरी
राज्ञीभगिनी विमला
४७१, ४७२, ४७४
लब्धि :आयासगमणलद्धी आवरणी संवरणा
वणिक् गुणसायर
६३४, णंदण देवपसाय धणदत्त धणवस धणावह
६४०, ६४१ ६३०, ६३१, ६३२ वणिक्पत्नी
अणुंधरी
*सुवेगा
५०१, ८५१
देवई
सुनंदा सुमित्ता
सूरवेगा *सेसवई
सोमचंदा * हेममालिणी
हेमसिरी
वणिक्पुत्रः
६४, ६५
६७८, ६८०
दमदंत धारण
६८२, ६८२
९२९

Page Navigation
1 ... 977 978 979 980 981 982 983 984 985 986 987 988 989 990 991 992 993 994 995 996 997 998 999 1000 1001 1002 1003 1004 1005 1006 1007 1008 1009 1010 1011 1012 1013 1014 1015 1016