Book Title: Siddhachakra Navpad Swarup Darshan
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 478
________________ परिशिष्ट-३ तखतगढ़ चातुर्मास विवरण ॥ सद्गुरुभ्यो नमः ॥ जैनधर्मदिवाकर-राजस्थानदीपक-मरुधरदेशोद्धारक--परमपूज्य आचार्यदेव श्रमद्विजयसुशील सूरीश्वरजी म. सा. के विक्रम संवत् २०३६ की साल में श्रीतखतगढ़ नगर में अनुपम शासन प्रभावना पूर्वक सम्पन्न हुए चातुर्मास का संक्षिा वर्णन । (१) चातुर्मासार्थ नगर-प्रवेश श्रीवीर सं० २५०६ विक्रम सं० २०३६ नेमि सं० ३४ के आषाढ़ सुद ११ बुधवार दिनांक २०-७-१९८३ को तखतगढ़ नगर में शास्त्र-विशारद-साहित्यरत्न-कविभूषण परमपूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा० ने पूज्य मुनिराज श्री प्रमोदविजयजी म. सा०, पूज्य मुनिराज श्री जिनोत्तमविजयजी म० सा० तथा पूज्य मुनिराज श्री अरिहंतविजयजी म. सा. आदि समेत श्रीसंघ के अदम्य उत्साह के साथ बेन्ड युक्त स्वागतपूर्वक प्रवेश किया। पूज्य साध्वी श्री भाग्यलता श्रीजी म० आदि ने भी प्रवेश किया। अनेक गहुंलियाँ हुईं। दोनों विशाल श्री आदिनाथ जिनमन्दिरों के दर्शन किये। पश्चात् मन्दिरगली के नूतन विशाल ( 89 )

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