Book Title: Siddhachakra Navpad Swarup Darshan
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 490
________________ * पासो (भादरवा) वद •)) गुरुवार दिनांक ६-१०-८३ को सिरोही समीपवर्ती श्री कोलरतीर्थ के सम्बन्ध में विचारविनिमय करने के लिये कमेटी के कार्यकर्ता प० पू० प्रा० म० सा० के पास आये थे। व्याख्यान में श्रीकोलरतीर्थ के विकास के लिये एक ईंट की योजना रखते हुए २१०० उपरान्त की टीप तत्काल पूज्यपाद गुरुदेव के सदुपदेश से हो गई थी। विशेष सहयोग के बारे में श्रीसंघ ने आश्वासन भी दिया था। पासो सुद २ शनिवार दिनांक ८-१०-८३ को स्व० शा० हजारीमलजो भूताजी के सुपुत्र श्री मूलचन्दजी तथा श्री पुखराजजी के घर पूज्यपाद आचार्य भगवन्त चतुर्विध संघ युक्त वाजते-गाजते पगलां करने के लिए पधारे । वहां ज्ञानपूजन तथा मंगलप्रवचन हुआ। परम पूज्य आचार्य भगवन्त के सदुपदेश से दोनों बन्धुओं ने किसी भी तीर्थ का पैदल संघ निकालने की प्रतिज्ञा की। प्रान्ते प्रभावना भी की। . आसो सुद ५ मंगलवार दिनांक ११-१०-८३ को व्याख्यान में शा० अचलदास हजारीमलजी रानी स्टेशन वालों की ओर से संघपूजा हुई। (१०) अष्टाह्निका महोत्सव . आसो सुद ७ गुरुवार दिनांक १३-१०-८३ को पासो मास की शाश्वती ओली का प्रारम्भ हुआ तथा श्रीसंघ की ओर से 'अष्टाह्निका-महोत्सव' भी शुरू हुआ। ( 101 )

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