Book Title: Siddhachakra Navpad Swarup Darshan
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 489
________________ आए। उन्होंने व्याख्यान के बाद प्रभावना की। उदयपुर से श्री विजयसिंहजी सामर आदि वन्दनार्थ आये । (९) भादरवा सुद १४ बुधवार दिनांक २१-६-८३ को स्व० मेथोबाई के श्रेयार्थे शा० भूरमल तलसाजी को तरफ से श्रीवेदनीय कर्म निवारण की पूजा प्रभावना समेत पढ़ाई गई । (१०) भादरवा सुद १५ गुरुवार दिनांक २२-६-८३ को शा० कान्तिलाल धनरूपचन्दजी के १५ उपवास एवं उनकी धर्मपत्नी अ० सौ० सुशीला बहन के अट्ठाई तथा शा० सुखराज धनरूपचन्दजी की धर्मपत्नी अ० सौ० दाड़मी बहन के अट्ठाई तप निमित्ते शा० लादमल धनरूपचन्द किसनाजी की ओर से श्री नव्वाणु अभिषेक की पूजा प्रभावना युक्त पढ़ाई गई। जोधपुर से आई हुई भजन मण्डली ने भी पूजा तथा भावना में प्रभु-भक्ति का सुन्दर लाभ लिया। इस तरह 'दशाह्निका महोत्सव' का कार्य सुसम्पन्न हुआ। पू० श्री भगवतीसूत्र तथा श्रीविक्रमचरित्र श्रवण का लाभ आगे भी श्रीसंघ को अहर्निश मिलता रहा। * पासो (भादरवा) वद २ शनिवार दिनांक २४-६-८३ को श्री अगवरी संघ ने प० पू० प्रा० म० श्री की वन्दनार्थ पाकर घर दीठ एकेक रुपये की प्रभावना की। * पासो (भादरवा) वद ६ बुधवार दिनांक २८-६-८३ को श्री रानीगांव संघ ने पूज्यपाद आचार्य म० श्री की वन्दनार्थ मोटर द्वारा आकर आगामी चातुर्मास रानीगांव करने की विनती की। * पासो (भादरवा) वद १४ बुधवार दिनांक ५-१०-८३ को सुमेरपुर से मजिस्ट्रेट श्री गोरधनसिंहजी सुराणा उदयपुर वाले परम पूज्य आचार्यदेव की वन्दना हेतु आये । ( 100 )

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