Book Title: Siddhachakra Navpad Swarup Darshan
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 498
________________ संघ बसों द्वारा तखतगढ़ रवाना हुआ। पूज्यपाद प्राचार्य म० श्री आदि ने वहाँ पर स्थिरता की । ( १६ ) श्रीसुवर्णगिरि तीर्थ पर पंचाह्निका महोत्सव पौष ( मागशर ) वद ८ मंगलवार दिनांक २७-१२-८३ को जैनधर्मदिवाकर पूज्यपाद प्राचार्यदेव की पावन निश्रा में श्री - सुवर्णगिरि तीर्थ पर पंचाह्निका महोत्सव प्रारम्भ हुआ । पौष दशमी की आराधना श्रीशंखेश्वर पार्श्वनाथ अट्टम आदि तप से भी चालू हुई । * पौष ( मागशर) वद १० गुरुवार दिनांक २९-१२-८३ को तीर्थ पर श्री महावीर स्वामी के जिनमन्दिर में श्री पार्श्वनाथ प्रभु के १०८ अभिषेक पूजन हुए । ( १७ ) बादनवाड़ी में श्रीनमस्कार महामन्त्र पूजन पौष सुद १० शुक्रवार दिनांक १३ - १ - ८४ को बादनवाड़ी में शा० सागरमल लुम्बाजी की ओर से चालू महोत्सव में प० पू० आ० म० सा० आदि की शुभ निश्रा में श्री नमस्कार महामन्त्र पूजन' विधिपूर्वक पढ़ाया गया । (१८) श्री तखतगढ़ में अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव ( १ ) महा (पौष) वद १ दिनांक गुरुवार १६ - १ - ८४ को राजस्थानदीपक परमपूज्य प्राचार्यदेव श्रीम. विजय सुशील सूरीश्वरजी ( 109 )

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