Book Title: Siddhachakra Navpad Swarup Darshan
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandir

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Page 496
________________ * मागशर (कात्तिक) वद ५ शुक्रवार दिनांक २५-११-८३ को 'श्री ऋषिमंडल महापूजन' विधिपूर्वक चालू महोत्सव में पढ़ाया । * मागशर (कार्तिक) वद & सोमवार दिनांक २८-११-८३ को चालू महोत्सव में 'श्रीसिद्धचक्र महापूजन' विधिपूर्वक प्रभावना युक्त पढ़ाया गया । * मागशर (कार्तिक) वद १० मंगलवार दिनांक २६-११-८३ को श्री उपधान तप की माला का रथ - इन्द्रध्वज - हाथीघोड़े - मोटर तथा बेन्ड प्रादि युक्त भव्य जुलूस - वरघोड़ा शानदार निकाला । * मागशर ( कार्त्तिक) वद ११ बुधवार दिनांक ३०-११-०३ को प्रातः श्री उपधान तपमाला प्रथम उपधानवाही ८६ भाई-बहिनों को विधिपूर्वक पहराने का कार्यक्रम शासन प्रभावनापूर्वक सुन्दर रहा । शा० हजारीमलजी भूताजी की ओर से स्वामी - वात्सल्य हुआ 1 श्री उपधान तपमाला का ग्यारह दिन का महोत्सव कार्य सुसम्पन्न हुआ । भी * मागशर (कार्तिक) वद १२ गुरुवार दिनांक १-२२-८३ में उपधानवाहियों के पारणे उपधान कराने वाले की तरफ से निर्विघ्न हुए । सुबह ( १६ ) छ 'री' पालित पैदल संघ का प्रयारण मागशर (कार्तिक) वद १३ शुक्रवार दिनांक २-१२-८३ को तीर्थप्रभावक - शास्त्रविशारद - साहित्यरत्न - कवि भूषण - परमपूज्य प्राचार्यदेव के सदुपदेश से उन्हीं की तारक पावन निश्रा में शा० हजारीमलजी भूताजी परिवार की ओर से श्री जालौर - सुवर्णगिरि ( 107 )

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