Book Title: Shrutsagar 2020 02 Volume 06 Issue 09
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 20 ॥६॥ हम०... श्रुतसागर फरवरी-२०२० हमचडी सखी हेलि रे, ऋषभजिन भेटणि गेलि । मरुदेवीनंदन मूरति सूरति, मूरति मोहणवेलि रे ॥१॥ हमचडी.... आचली० हमची सारी सुणु नरनारी, जाउ ऋषभ बलिहारी। जे भणिसइ मनसुद्धि सुणसिइ, ते लहिसिइ शिवनारी रे ॥२॥ हम०... हमची गाऊ बहु सुख पाउ, पामु नवह निधान । श्री नाभि नरेसर सुत अले(ल)वेसर, तस नामिइ वाधइ वान रे ॥३॥ हम०... चऊद सुपन सूचित सुत सुत जायु, सुरनर के मनि भायु । छपन कुमारी सुंदर नारी, हरखि हीडोलइ गायु रे ॥४॥ हम०... हम पग पाह्नीआ लता समराती, भर योवन मदमाती। नेउरी रणकइ घुघरि घमकइ, ठमक ठमक चालीती रे ॥५॥ हम०... पीडी जंघा तेह वखाणु, कदलीदल समजाणु। सीहलंकी कट मेखल खलकइ, तेजि तो बहु झलकइ रे स्तनयुगलि हेम कुभाकार, रियक पाटण विशाल। कबुग्रीवा मोहनगारी, भुजा कमलनी नाल रे ॥७॥ हम०... पंचवर्ण चोली केसर घोली, नारी कंजर चीर। करि कंकण चूडी रुपि रुडी, देखी मोह्या वीर रे ॥८॥ हम०... कंठि एकावलि हार ज ठवीउ, बाजुबंध बाहि चंग। दंतपत हीरा सम उपइ, अधुर प्रवाला रंगरे ॥९॥ हम०... बोलि बाली वचन रसाली, अमीरस समजाणी। नाके मोती मनमोहंती, दीपशिखा परिमाण रे ॥१०॥ हम०... गल्लयुगल दर्पण समदीपि, नयण कमल सम सोहि। काने झालि वीज सम झबकइ, टीलइ त्रिभो(भुवन मोह रे ॥११॥ हम०... वदन कहीइ शारदनु चंद, मोह्या सुरनर इंद। निलव चंदलडु तेत लाल, दीसइ झाकझमाल रे ॥१२॥ हम०... सिरिवेणी वाली अति सुकमालि, जाणी नागिण काली। सोवन फूली अति बहुमूली, गूंथी गूथण जाली रे ॥१३॥ हम०... For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36