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श्रुतसागर
फरवरी-२०२० जिसमें रथ, हाथी, घोड़ा, बग्गी, बैन्ड, शहनाई तथा भिन्न-भिन्न नृत्यमंडलियों के साथ इस शोभायात्रा ने सम्पूर्ण गाँव में परिभ्रमण किया। प्रातः १०:३० बजे यह शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूज्य राष्ट्रसन्तश्री के हृदयस्पर्शी प्रवचन का लाभ लिया। प्रवचन के दौरान प. पू. राष्ट्रसन्तश्री ने श्रीसंघ की वृद्धि हो, दिनोंदिन श्रीसंघ की प्रगति हो तथा संघ के द्वारा समाज में उत्तम कार्य किए जाएँ, यह मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
प्रत्येक दिन अलग-अलग विशिष्ट पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें फलों तथा नैवेद्यों के बड़े-बड़े थाल अर्पित किए गए। श्राविकाओं हेतु विशेष कार्यक्रम सांझी मेंहदी वितरण का कार्यक्रम आयोजित हुआ। रात्रि में संगीतकार श्री पियुषभाई शाह के द्वारा भक्ति-भावना का सुन्दर कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। __प. पू. राष्ट्रसन्तश्री को कांबली वोहराई गई, जिसका लाभ श्री हेमन्तभाई आर. शाह ने लिया तथा मन्दिर की कायमी ध्वजा का लाभ श्री वाडीलाल धरमचंद शाह ने लिया।
पूज्यश्री के प्रवचन का सुंदर आयोजन हुआ, श्रोताओं ने मन्त्रमुग्ध होकर प्रवचन का लाभ लिया। प्रवचन के अंत में पज्यश्री ने विशेष रूप से साधारण क्षेत्र के लिए प्रेरणा की और सकलसंघ ने दिल खोलकर लाभ लिया। तत्पश्चात् संघ के ट्रस्टी श्री जनकभाई एल. शाह, श्री अतुलभाई एम. शाह, श्री सुनीलभाई पी. शाह तथा श्री धनालाल एन. शाह एवं चैत्यपरिपाटी के लाभार्थी परिवार द्वारा पूज्य राष्ट्रसंतश्री, आचार्य हेमचंद्रसागरसूरिजी तथा गणिवर्य प्रशांतसागरजी महाराज साहेब की जय जयकार करते हुए कांबली वोहराई गई।
श्रीसंघ की तरफ से पधारे हुए श्रद्धालुओं व अतिथियों के लिए दि. ३-२-२०२० से दि.७-२-२०२० तक नवकारशी, दोपहर की साधर्मिक भक्ति तथा शाम के चौविहार का आयोजन किया गया।
माघ शुक्लपक्ष-१३, शुक्रवार, दि. ७-२-२०२० को शौरीपुर तीर्थोद्धारक प्राचीन श्रुतसंरक्षक राष्ट्रसन्त पूज्यपाद आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. के द्वारा शताब्दिवर्ष को प्राप्त कैयल जिनालय की तीर्थ के रूप में उद्घोषणा की गई।
_(अनुसंधान पृ. १५ पर)
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