Book Title: Shrutsagar 2020 01 Volume 06 Issue 08
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 20 श्रुतसागर जनवरी-२०२० नन्नसूरि कृत माणसभव उत्पत्ति भास जिज्ञाबेन शाह देव, तिर्यंच, नारक अने मनुष्य आ चार गतिओमांथी एक मनुष्यभवनी गतिमांज जीव धर्म करी पोताना आत्मानुं उत्थान करी शके छे । पण आवा अमूल्य मनुष्यभवने जीव केवी रीते वेडफी नाखे छे, ते समग्र चितार आ भासमां रजू को छ। अनादि कालथी जीव निगोदमां हतो। अने त्यां एक साथ अनंत जीवनी साथे अनादि काळ रह्यो। एक सिद्धनो जीव ज्यारे मोक्षे जाए, त्यारे एक जीवने आ निगोदमांथी बहार आववा मळे अने त्यारबाद कालक्रमे अनंत पद्गल परावर्तन काल सुधी एकेन्द्रियादि योनिओमां जीव परिभ्रमण कर्या ज करे छे । ज्यां तेने धर्म करवानो योग ज मळतो नथी। आ रीते परिभ्रमण करता करता आ जीवने क्यारेक मनुष्यभवनी प्राप्ति थाय छे। त्यां पण समग्र भवमां धर्म करवानो विचार पण करतो नथी अने धर्म कर्या वगर ज मृत्यु ने पामे छे अने मनुष्यना आवा अनंत भवो ते वेडफी नाखे छ। प्रस्तुत भासमां जीव मनुष्यभवमां ज्यारथी गर्भमां आवे छे त्यारथी मृत्यु पामे त्यां सुधी ते केटली यातनाओ भोगवे छे, तेनुं तादृश वर्णन कर्यु छ। कृति परिचय प्रस्तुत कृतिनी भाषा मारुगुर्जर छ। पद्यबद्ध आ भासमां ३० गाथाओ आपेल छ । आ कृति अंतर्गत मनुष्यनुं गर्भथी मांडीने मृत्युपर्यंत तादृश चित्र दर्शावी जीवने वैराग्य उत्पन्न कराववानो कर्त्तानो हेतु छ । कर्ता प्रत्येक आत्माने संबोधीने कहे छे के - हे जीव ! तुं चेती जा ! पोतानी जात पर गर्व न कर...... प्रस्तुत भासमां करायेल गर्भावासना दुःखोनुं वर्णन हैयु द्रवी उठे तेवु छे । मातापिताना योगे जे शुक्रशोणितना योगथी कर्मवश जीवनी उत्पत्ति थई छे, एवा ते जीवने गर्भमां आवता ज केटलांय दुःखोनो सामनो करवो पड़े छे। जीव गर्भमां आवे त्यारे प्रथम सात दिवस प्रवाही स्वरूप होय छे अने पछीना सात दिवस परपोटा स्वरूप होय छ । एक मासे मांसनी पुणी जेवो आकार होय छे । बीजे मासे पेसी जेवो अने त्रीजे मासे घण (हथोडा) जेवा आकारनो थाय छे, चौथे महिने ते माताना अंगने मोटा बनावे छे, पांचवे महिने पग अने हाथनी आंगलीओ आकार पामे छे अने छ8 महीने वाळ, सातमे महिने ५०० पेसी, ७०० शिरानाड़ी अने ९०० धमनियोनो विकास थाय छे । ज्यारे आठमे For Private and Personal Use Only

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