Book Title: Shrutsagar 2020 01 Volume 06 Issue 08
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 31
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR 31 January-2020 पुस्तक समीक्षा राहुल आर. त्रिवेदी पुस्तक नाम : रास पद्माकर भाग-४ संपादक : संपादक मंडल, आचार्यश्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा संशोधक : पं. गजेन्द्रभाई आर. शाह, पं. संजयकुमार झा संयोजक : राहुल आर. त्रिवेदी प्रकाशक : आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा प्रकाशन वर्ष : वि. सं. २०७५ मूल्य : २००/पृष्ठ : १४+१९४ भाषा : मारुगुर्जर, गुजराती विशेषता : जैन ऐतिहास कथा रासों का वर्णन. __ प्राचीन साहित्य पर संशोधन-संपादन की प्रवृत्ति पुनः जोर पकडती जा रही है। इस कार्य को कई विश्वविद्यालय, संशोधन संस्थाएँ, साधु-साध्वी भगवंत और संशोधक कर रहे हैं। अबतक अनेक दर्लभ कृतियों को समाज के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। प्राचीन अमूल्य विरासतरूप हस्तप्रतों में से ऐसी अप्रकट कृतियों को प्रकाशित कर ज्ञानपिपासु विद्वद्जगत को तृप्त किया गया है। ___ साहित्य सर्जन के क्षेत्र में ऐसा ही एक प्रयास आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर के द्वारा हो रहा है। इस संस्था से शायद ही कोई अपरिचित होगा। संस्था की प्रवृत्तियों की जानकारी एवं अपने शोधकार्य में गति व गुणवत्ता हेतु साहित्य क्षेत्र से जुड़े हुए विद्वद्वर्ग के लिए इस संस्था की मुलाकात अनिवार्य है। ___ आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर में नियुक्त अलग-अलग विषयों एवं भाषाओं के विशेषज्ञ पंडितों के द्वारा हस्तप्रत संपादन एवं सूचिकरण का महत्त्वपूर्ण कार्य किया जाता है। इन पंडितों के द्वारा हस्तप्रतों में स्थित अप्रकाशित विविध विषयक लघु कृतियों को “श्रुतसागर” नामक मासिक पत्रिका में प्रतिमास प्रकाशित किया जाता है। इसी उपक्रम में विशेष संशोधनात्मक अधिक परिमाणयुक्त ऐतिहासिक For Private and Personal Use Only

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