Book Title: Shrutsagar 2019 08 Volume 06 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 13 SHRUTSAGAR August-2019 हेमसौभाग्य कृत पर्युषणपर्व स्तवन गणि सुयशचंद्रविजयजी “रीझो रीझो श्रीवीर देखी शासनना शिरताज, हरखो हरखो आ मोसम आवी पर्वपर्युषण आज.....” बस, हवे थोडा दिवसमां ज पर्वाधिराजनुं आगमन थशे। श्रीसंघमां चारेय बाजु आनंद-उल्हासनुं वातावरण सर्जाशे। ठेर ठेर तपश्चर्याओ, व्रत-पच्चक्खाणो, व्याख्यानोना उत्सव मंडाशे। अनुकंपा, जीवदया, साधर्मिकवात्सल्य जेवा केटकेटलाय धर्मानुष्ठानोमां लोको जोडाशे । खरेखर खूब ज रंगे-चंगे उजवाशे आ पर्व। अहीं आपणने मनमा एक प्रश्न थाय के अत्यारे तो आपणे आ केवा मोटा दबदबापूर्वक पर्वाधिराजनुं स्वागत-आराधन करीए छीए, तो वर्षों पूर्वे श्रीसंघोमां कई रीते आ पर्वाराधना कराती हशे? श्रावको पण ते प्रसंगे केवी केवी तैयारीओ करता हशे? केवूवातावरण त्यारे श्रीसंघमां सर्जातुं हशे? जो के तेना जवाब माटे आपणे बीजे क्यांय जवानी जरूर नथी। आपणा ते तमाम प्रश्नोना उत्तर लई प्रस्तुत कृतिकारश्री जाणे काव्यना माध्यमे आपणी पासे ऊभा छे । माटे चालो सौप्रथम काव्यसार जोईए। कृतिसार पर्वाधिराजनी शाश्वती अट्ठाईमां देवो तो नंदीश्वरद्वीपे जई त्यां रहेला शाश्वतचैत्योमांनी शाश्वत प्रतिमाजीओनी गीत-गान-नृत्यादि विविध प्रकारे पूजाभक्ति करे, ज्यारे श्रावको आ अवसरे पोतपोतानी शक्ति अनुसार अमारीनी उद्घोषणा करावे, छटाट्ठमादि तपश्चर्या करे, ब्रह्मचर्यादि व्रत-जप करे, देव-गुरुनी भक्ति तेमज साधर्मीजनवात्सल्यादि धर्मानुष्ठानो आचरे । जो के आ अनुष्ठानो फक्त क्रियात्मकरूपे न करता तेमां विशेष भावो उमेरी तेओ ते दरेक अनुष्ठानोमां प्राण पूरे। अहीं काव्यना शरूवातना १४ पद्योमां कविए उपरोक्त भावोने सुंदर रीते रजू कर्या छ । विशेषरूपे श्रावक कल्पसूत्रना श्रवण अवसरे कई रीते पू. गुरु पासे पुस्तक लेवा जाय? श्राविकाओ पण आ प्रसंगे कई रीते जोडाय? कई रीते घरे रात्रीजगो कराय? वळी बीजे दिवसे श्रावक केवा आडंबर सहित पुस्तक लई जई गुरुभगवंत पासे पधरावे? गुरुभगवंत पण कई रीते बहुमान जाळवी श्रीसंघने कल्पसूत्रनुं श्रवण करावे? तेनी खूब ज स्पष्टतापूर्वकनी नोंध कविए त्यारपछीना १५ थी ३० नं. ना For Private and Personal Use Only

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