Book Title: Shrutsagar 2019 08 Volume 06 Issue 03
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर अगस्त-२०१९ तेम गुजराती लिपिनो मरोड दरेक लहियानुं व्यक्तित्व पण प्रकाशे छ। बंगाळीओ पोतानी लिपि संबंधे गुजरातीओ जेवा नफकरा थया नथी, तेमने पूछो तेओ कहे छे, अमे देवनागरी लिपि नहीं स्वीकारीए, अमारी लिपि वधारे सुंदर छ । पोतानी लिपिना केटलाक दोष तेमने नथी खूचता एम नथी, तो पण तेओ आम मक्कम रहे छे । आपणे पण आपणां छोकरांना अक्षर विषे काळजी राखी रखावी होत तो ए जुवान थयेल छोकरां जाते आजे बोली ऊठत, “ऊंह, ए देवनागरी डपका डाघा कोने गमे, गुजराती लखाणनी सुंदरतानो त्याग करवो शु ए जड बीबांओ माटे? मेना उडाडी दईने कागडीने ते कोण संघरे !” । लिपिनो लीजो गुण सुवाच्यता । कोई पण बे के वधारे आकृतिओ एटली समान न होवी जोईए के तेथी वांचता अक्षर विषे भूल थाप थई जाय। आ गुण मोडी (मराठी भाषानी लखवा माटे वपराती लिपि)मां नथी; ऊर्दुमां नथी, नुकताओ वाळी लिपिओमां ओछो ज होय । बंगाळीमां पण आ सुवाच्यता दश-बार टका ऊणी छे । केटलाक अक्षर अने गुच्छ सारा लहियाने हाथे पण संदिग्ध बनी जाय छ। लखाण तथा मुद्रण बे ये दृष्टिये लिपिनो चोथो गुण ध्यानमा राखवानो बंने कार्य माटेनी लिपिमां एकता होय ते । मराठीनी बे लिपि जुदी जुदी ज पडी जाय छे। अने तेमांनी लेखन माटेनी लिपि मोडीमां सुवाच्यता केटली तो ओछी छे । ते आपणे हमणां ज नोंधी गया। वळी एमां बीजा दोषो पण छ । टुंकामां कहीये तो समुत्क्रान्तिथी उलटो ते क्रमे क्रमे विनिपात । गुजराती लिपि बुद्धिगर्भ बलोए साधेली समुत्क्रान्तिनो नमूनो छे, तो मराठी भाषानी मोडी लिपि बुद्धिरुचिशून्य अकस्मात परंपराथी परिणमता विनिपात (डिवोल्यूशन Devolution) नो नमूनो छ । प्रजा एने जेम व्हेली फेंकी दे अथवा सधारी ले तेम सारुं, तथापि हजी लगण तो ए अस्मिताप्रधान प्रजा पोतानी लेखनलिपि जेवी छे तेवीने ज वळगी रहेवा मागे छे। युरोपीय भाषाओनी लखवानी इटालिक लिपि अने मुद्रणनी (रोमन) लिपि वच्चे फेर नथी एम तो न कहेवाय, परंतु ते न जेवो छ । एटले तदेवता थोडी ज ऊणी छे एम व्यवहारनी रीते कही शकाय । अने छेल्ले मुद्रणमां समय वधारे लागे, जगा वधारे रोके, खर्च वधु थाय, तेम लिपिओ ए कार्यने माटे सरखामणीमां एक बीजीथी चडती ऊतरती गणाय। २) आटली सामान्य चर्चा बस । हवे ए गुणदोषोनी कसोटीए देवनागरी साथे For Private and Personal Use Only

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