Book Title: Shrutsagar 2017 07 Volume 04 Issue 02
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 10 श्रुतसागर जुलाई-२०१७ नुं स्मरण करतां पंडितमरणने पामेलां मांडणनी पालखी, रथयात्रा तेमज अग्निसंस्कारनी विगते वर्णना छे. आ वर्णना तत्कालीन समाजव्यवस्था तरफ आपणुं ध्यान दोरे छे. आ ज ढाळमां कवि साह मांडणनां अणसणथी काळधर्म वच्चे श्रीसंघमां लोको द्वारा करायेली आराधनानुं सुंदर वर्णन करे छे जे पण मननीय छे. काव्यनी छेल्ली ढाळमां कवि रासन समापन करतां पूर्वे पोतानां द्वारा काव्य रचतां थयेली भूलनी क्षमा याचना करे छे. प्रत परिचय प्रस्तुत कृतिनी हस्तप्रत झेरोक्ष अमोने श्रीकनकविजयजी गणि हस्तप्रत संग्रह, अमरशाळामांथी मळी छे. प्रतनां कुल ४ पाना, दरेक पानामां ११-१२ लीटी, दरेक लीटीमां ३५ थी ४० अक्षरो छे. कृति लेखक- नाम कृति अपूर्ण होवाथी जाणी शकातुं नथी, पण तेनी लेखनशैली उपरथी ते लहियो ज होवो जोइए. तेथी ज कदाच काव्य झडपथी लखी पूर्ण करवां जतां क्यांक-क्यांक ढाळनां पद्य क्रमांको छूटी गया होय तेवू लागे छे. खास संपादनार्थे कृतिनी हस्तप्रत आपवा बदल पू. अविचलेंद्रविजय म.सा. नो, श्रीअमरशाळा ज्ञानभंडारनां व्यवस्थापकोनो, तेमज मनुदादा, प्रो. कीर्तिभाई विगेरे श्रावकोनो खूब खूब आभार. श्रीमांडण संघवीनो रास ॥ॐ नमः।। श्री गणेशाय नमः ॥ श्री सर्वज्ञाय नमः॥ ॥ वस्तु॥ आदि जिनवर आदि जिनवर अजित जिनराय, संभव अभिनंदन सुमति पद्मप्रभु सुवास जिनवर, शशिप्रभु सुवधि सीतल श्रेयांस वासुपूजि श्रीविमल सुखकर; अनंत शांति कुंथु अरू मल्लि मुनिसुव्रत देव, नमि नेम पास महावीरजिन प्रथम करुं प्रभु सेव ॥राग-गुडी॥ सेव करुं जिनवर तणी प्रणमुं अरिहंत, सिद्ध आचार्य श्रीउपाध्याय वाद् भगवंत; सकल साधु आचारवंत जस गुण छत्रीस, सीलवंत थूलिभद्र सरिस तस नामुं सीस आगि साधु सीधा घणा सीझि छि मुनिराय, सीझेसि मुनिवर अनंत वांदी तस पाय; ॥१॥ ॥१॥ For Private and Personal Use Only

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