Book Title: Shrutsagar 2015 04 Volume 01 11
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 23
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 21 श्रुतसागर अप्रैल-२०१५ ४. संपुट फलक :- कागज, ताडपत्र व कपड़े पर तो लिखा ही जाता था, लेकिन कई जगह लकड़ी की पट्टी पर भी लिखा हुआ मिलता है. इस प्रकार लकड़ी की पट्टी पर लिखे हुए साहित्य को संपुटफलक कहते हैं. संपुट यानी दो-दो की जोडी में रही काष्टपट्टि पर लिखा गया जो साहित्य वह है संपुटफलक. देश में संपुटफलकों की संख्या प्रायः बहुत ही कम है फिर भी नमूने के तोर पर कुछेक संग्रहालयों में पाये जाते हैं. ५. छेदपाटी (छिवाडी) :- इस प्रकार की प्रतों में खास कुछ नहीं होता है, साधारण प्रत जैसी ही होती है, यानि लंबाई, चौड़ाई साधारण प्रत की तरह, लेकिन उसमें पन्नें बहुत ही कम होने के कारण उसकी मोटाई कम होती है. इस लिए उसको एक अलग प्रकार में रखा गया है और उसे छेदपाटी के नाम से जाना गया है. प्राकृत में उसका मूल नाम छिवाडी है, प्राकृत पर से संस्कृत में उसे छेदपाटी कहते हैं. ६. गडी: TAS RAJASS . 3 . ... Panta to लाकर iwwwwwwwwwvitilayiwwituatinAMANSLAAAAAPoudel विविध प्रकार से मोड़ करके, तहबद्ध करके रखे गये लंबे चौड़े कपड़े या कागज के टुकड़े को गडी कहते हैं. इसमें प्रायः १४ राजलोक यंत्र, विविध प्रकार के कोष्ठक, विविध आराधना के पट्ट, ढाईद्वीप का नक्शा आदि चित्र होते हैं. ७. गोल :- साधारण चौडाई वाले कागज या कपड़े की लंबी पट्टी पर लिखी गई विषयवस्तु, जिसे उपयोग में न लेना हो ऐसे समय में गोल लपेटकर रखा जाता हो उसे गोल कहते हैं. अंग्रेजी में इसे स्क्रोल या रोल भी कहते हैं. ये रोल कई बार For Private and Personal Use Only

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