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APRIL-2015
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२० मीटर लंबाई या कम-ज्यादा लंबाई वाले भी होते हैं. कई गोल लघु व अतिलघु कद के भी मिलते हैं. राजा, बादशाहों के फरमान, पुराने ज्योतिषिओं द्वारा बनाई गई जन्मकुंडली, पंचांग, जैन विज्ञप्तिपत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत् आदि के आलेख इस प्रकार के रोल में पाए जाते हैं.
८. गोटका :- सर्वसामान्य साधारण आकार वाली प्रत के पन्ने जिन्हें बीच में से पहले मोडते हैं, फिर सीलाई करके बांध दिया जाता है. फिर सीलाई वाले भाग से उसे मोड़ दिया जाता है, मोड़ देने पर वह दो भागों में हो जाता है. उसमें लिखावट किसी डायरी या नोटबुक की भाँति होती है, इस प्रकार की प्रतों को गोटका कहते हैं. इसमें कई बार लिखावट चौडाई वाले भाग से तो कई बार लंबाई वाले भाग से भी
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