Book Title: Shrutsagar 2015 04 Volume 01 11
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 27
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सोमसौभाग्यनुं विहंगावलोकन हीरालाल र. कापडिया 'जैन साहित्य' एटले विविध विषयोनी जातजातनी भाषामां मनोहर फूलगुंथणी. आम होवाथी आपण प्राग्- ऐतिहासिक तेमज ऐतिहासिक व्यक्तिओनां जीवनचरित्रो कविवरोने छाजे एवी रीते रजू करायेला मळी आवे छे. प्रस्तुतमां हुं सोमसुंदरसूरि नामना एक समर्थ सूरिनी जीवनरेखा आलेखतुं अने भक्तनी रीते एमना गुणोत्कीर्तन करतुं जे काव्य प्रतिष्ठासोमे वि. सं. १५२४मां रच्युं छे तेनो संक्षिप्त परिचय पूरो पाडवा माटे आ लेख लखुं छु. नाम-उपर्युक्त काव्यनुं नाम कर्ताए जाते सोमसौभाग्य राख्युं छे. एनो प्रथम अंश सोमसुंदरसूरिना नामनुं द्योतन करे छे, अने बीजो अंश एमना 'सौभाग्य' विषे निर्देश करे छे. जेम आ काव्यना अंतमां 'सौभाग्य' शब्द वपरायो छे तेम ए पूर्वे घणां वर्षो उपर रचायेली जैन के अजैन कृतिना नाममां एवो प्रयोग होय तो ते विषे तपास करवी बाकी रहे छे. परंतु एना पछी रचायेला हीरसौभाग्यमां तो 'सौभाग्य' शब्द परायो छे. विभाग - सोमसौभाग्य काव्य दस सर्गमां विभक्त करायुं छे. ए सर्गोनां पद्योनी संख्या अनुक्रमे आ मुजब छे - ६३, ७२,५९,६३,६१,५९,९४, ९२, ११० अने ७४ आम अहीं एकंदरे ७४७ पद्यो छे. छंद-सामान्य रीते बृहत्-काव्यो प्रत्येक सर्गोनो मोटो भाग एक ज छंदमां अने अंतमां ए छंदमां फेरफार करायेलो जोवाय छे. आ हकीकत प्रस्तुत काव्यने पण लागु पडे छे. एनो प्रथम सर्ग वसंततिलकामां रचायो छे, अने अंतिम पद्य शार्दूलविक्रीडितमां छे. द्वितीय सर्ग मुख्यतया ‘अनुष्टुभ्' मां अने लीजो उपन्नतिमां छे. एम जात जातना छंदोमां आ काव्य रचायुं छे. अलंकार आ काव्य अंतर्यमक रूप शब्दालंकारथी तेमज परिसंख्या', व्यतिरेक' उत्प्रेक्षा इत्यादि विविध अर्थालंकारोथी विभूषित छे. विषय- आ काव्यनो विषय तो एनुं नाम ज सूचवे छे तेम 'तपा' गच्छना सोमसुंदरसूरिनुं जीवनचरित्र छे. एनी जे रूपरेखा सर्ग दीठ आलेखाई छे ते आपणे विचारीशु. १. जुओ सर्ग. १ना श्लो. २२ ने २३, २. जुओ सर्ग. ३, श्लो. ५३, ३. एमनुं चरित्र गुर्वावली (वि. सं. १४५५), चित्रदुर्गमहावीर- प्रासादप्रशस्ति (वि. सं. १४९५) अने गुरुगुणरत्नाकर (वि. सं. १५४९ ) मां आखा छे. For Private and Personal Use Only

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