Book Title: Shripal Rajano Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek, 
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 10
________________ श्री राम अने रूपसुंदरी नामे राणीनी जे पुत्री तेनां अंगोपांग सर्व ( पावन के ) पवित्र सुलक्षण|| जोड्ने ( नरपति के ) राजा ते पोताना मनने विषे (रंग के०) हर्ष आनंद आणीने (तास केला ॥३॥ तेनुं मयणासुंदरी एवं नाम ( उवे के० ) स्थापे, पाडे ॥ ५ ॥ वेदविचक्षण विप्रने, सोंपे सोदग्ग देवी ॥ ललना ॥ सकल कलागुण शीखवा, सुरसुंदरीने देवी ॥ खलना ॥ दे० ॥१०॥ मयणाने माता ग्वे, जिनमत पंडित पास ॥ ललना ॥ सार विचार सिक्षांतना, आदरवा अन्यास ॥ ललना ॥ दे ॥ ११॥ चतुर कला चोसठ नणी, ते बेहु बुद्धिनिधान ॥ ललना ॥ शब्दशास्त्र सवि आवड्यां, नाम निघंटु निदान । ॥ललना ॥ दे० ॥१२॥ अर्थ-(सकल के०) सर्व कलागुण शीखवाने अर्थे वेद मांहे विचक्षण एटले माह्यो एवो जे शिव-II नूति नामे (विप्र के०) ब्राह्मण, तेने (सोहग्ग देवी के०) सौजाग्यसुंदरी नामे राणीए पोतानी पुत्री जे| लासुरसुंदरीतेने (हेवीके) तरत सोपी.अर्थात सरसंदरीने ब्राह्मण पासेजणवा मोकली॥१०॥हवे मयणासुंदरीनी माता तो जैनसिकांतो संबंधी (सार के०)प्रधान जला एवा जे विचार तेनो अभ्यास श्रादरवाने श्रर्थे श्रीजैनमतना जाण एवा सुबुझिनामे पंमित जे अध्यापक तेमनी पासे (उवे के०) स्थापे ने एटले मोकले ॥११॥ ते कुंवरी स्त्रीनी चतुराई संबंधी जे चोस कला तेने नणीने बेहु जणी घणी एवी जे बुद्धि तेनो ( निधान के०) नंमार थर, तेने अनेक प्रकारनां 3 शब्दशास्त्र जे व्याकरण तथा नाममाला, निघंटु, आदान, निदान अने चिकित्सादिक ते सर्व श्रावड्यां, एटले ते पूर्वोक्त सर्व प्रकारनां शास्त्र जणी ग ॥ १५ ॥ 4054XAAAAAAAAAA SASARANA OSOBA Sein Education remational For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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