Book Title: Shravanbelogl aur Dakshin ke anya Jain Tirth
Author(s): Rajkrishna Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 91
________________ चन्द्रगिरि के मन्दिर ५७ ८. शासन बस्ति यह मन्दिर ५५ फुट लम्बा और २६ फुट चौडा है । इसमे एक गर्भगृह, एक सुखनासि और एक नवरङ्ग है। इसमे भगवान् आदिनाथ की ५ फुट ऊची प्रतिमा है। मूर्ति के दोनो ओर चौरीबाहक खडे हुए है। सुखनासि मे गोमुख यक्ष और चक्रेश्वरी यक्षिणी की प्रतिमा है । बाहरी दीवारो मे स्तभो और आलो की सजावट है। कही-कही प्रतिमाए भी उत्कीर्ण है। ९. मज्जिगण बस्ति यह मन्दिर ३२ फुट लम्बा और १९ फुट चौडा है । इसमे एक गर्भगृह, एक सुखनासि और एक नवरङ्ग है। इस मन्दिर में ३३ फुट ऊची १४वे तीर्थङ्कर भगवान् अनन्तनाथ की प्रतिमा है। घेरे की दीवारो के बाहर फूलदार चित्रकारी है । १०. एरडुकट्टे बस्ति यह मन्दिर ५५ फुट लम्बा और २६ फुट चौडा है । इसमे ५ फुट ऊची भगवान् आदिनाथ की प्रतिमा है। गर्भगृह के वाहर सुखनासि में यक्ष और यक्षिणी की मूर्तिया है। ११. सवतिगन्धवारण बस्ति यह मन्दिर ६९ फुट लम्बा और ३५ फुट चौडा है। इस मन्दिर को विष्णुवर्द्धन नरेश की रानी शान्तलदेवी ने सन् ११२३ मे बनवाया था। गान्तलदेवी को 'सवतिगन्धवारण' (सौतो के लिए मत्त हाथी) भी कहते थे। इस विशाल मन्दिर में भगवान् शातिनाथ की मूर्ति प्रभावली सयुक्त पाच फुट ऊची है। सुखनासि मे किम्पुरुष यक्ष और महामानसि यक्षिणी की मूर्तिया है। गर्भगृह के ऊपर एक सुन्दर गुम्मट है ।

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