Book Title: Shravanbelogl aur Dakshin ke anya Jain Tirth
Author(s): Rajkrishna Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 129
________________ - (१५)वनारसी नाममाला-कविवर बनारसीदास की सुन्दर रचना, शब्दकोश-सहित (१६)उमास्वामी श्रावकाचार-परीक्षा-मुख्तार जुगलकिशोर के द्वारा लिखित ग्रन्थ-परीक्षाओ के इतिहास-सहित (१७)समाधितन्त्र--श्रीपूज्यपादाचार्य-विरचित उत्तम आध्यत्मिक ग्रन्थ, सस्कृतटीका, हिंदी अनुवाद और मुख्तार जुगलकिशोर की खोजपूर्ण प्रस्तावनाके साथ । (इसका पहला सस्करण समाप्त हो चुका है) अव यह पुन 'इष्टोपदेश' के साथ छप रहा है । वीर सेवा मन्दिर १, दरियागज, दिल्ली

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