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विषयांक.
विषय का नाम.
१७४ भोजनोपरांत करनेके स्वाध्यायकी आवश्यकता १७५ सन्ध्याको जिनपूजा प्रतिक्रमण विश्रामणा स्वाध्याय और धर्मकथा, मूलगाथा ९
१७६ एकवार भोजनका उत्सर्ग तथा शामको किस समय जीमना ?
५७७ दिवसचरिम पच्चखान ऊपर एडकाक्ष की कथा रात्रिकृत्य प्रकाश २
१७८ प्रतिक्रमण करनेका बिधि और स्वरूप १७९ प्रतिक्रमणका अभिग्रह पालने ऊपर एक श्रावकका दृष्टांत
१८० पांच प्रकार के प्रतिक्रमण व उनको करनेका काल १८१ पक्खीप्रतिक्रमण चतुर्दशीको करना कि पूर्णिमाको ? इसका खुलासा
१८२ चिरंतनाचार्यकृत पंच प्रतिक्रमण करनेकी विधि १८६ शीलांगरथ और श्रमणरथका स्वरूप १८४ पांचपदकी और नौपदकी अनानुपूर्वीका स्वरूप
फलादि
१८५ समझाय करने पर धर्मदासभावकका दृष्टांत १८६ श्रावकने घरके मनुष्योंको धर्मोपदेश करना उसका
स्वरूप
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