Book Title: Shant Sudharas Part 01 Author(s): Ratnasenvijay Publisher: Swadhyay Sangh View full book textPage 2
________________ समर्पण “शांत सुधारस” ग्रंथ के अन्तर्गत वर्णित सोलह भावनाओं को जीवन में आत्मसात् कर अनेक पुण्यवंत आत्माओं को इस भावना-पीयूष का पान कराने वाले स्वनामधन्य अध्यात्मयोगी निःस्पृहशिरोमणि वात्सल्यवारिधि करुणावत्सल पूज्यपाद गुरुदेव पंन्यासप्रवर श्री भद्रंकरविजय जी गणिवर्यश्री की पुनीत आत्मा को, उन्हीं की कृपा से विवेचित “शांत सुधारस" हिन्दी विवेचन ग्रंथ रत्न समर्पित करते हुए मुझे अत्यंत ही हर्ष हो रहा है। - मुनि रत्नसेन विजयPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 330