Book Title: Shant Sudharas Gitmala
Author(s): Vinayvijay Upadhyay, Bhadraguptasuri, Sadgunsuri, Dhurandharvijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha
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नवम निर्जराभावना ~ निरामावना
८६ : ९५
दशम धर्मभावना ~ धर्मभावना
९६ : १०५
त्रयोदश मैत्रीभावना ~ मैत्रीभावना
१२८ : १३७
चतुर्दश प्रमोदभावना ~ प्रमोहमावना
१३८ : १४९
एकादश
पञ्चदश लोकस्वरूपभावना ~ोस्व३५मावना कारुण्यभावना ~ कारुण्यमावना १०६ : ११५
१५० : १६१ द्वादश
षोडश बोधिदुर्लभभावना ~ पोधिटुर्समभावना माध्यस्थ्यभावना ~ माध्यस्थ्यमावना ११६ : १२७
१६२ : १७१ प्रशस्ति ~ प्रशस्ति
१७२ : १७७ અનુવાદક પ્રશસ્તિ : ૧૭૮
શાન્ત સુધારસ ગીતમાલા : ૧૭૯
॥११॥ (मगनमागीय चिनचनक कारसाङाय दियाकमम हाऊाकमवा
ग्रह नत्ममारम गारदितामि बाडाटाणा
સમશ્લોકી પધાનુવાદ: પં. શ્રી ભદ્રંકર વિજયજી શિષ્ય મુનિશ્રી ધુરંધર વિજયજી મહારાજ
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