Book Title: Sarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
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Publisher: Unknown
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तो कॉमित्मा ाि िलयाय स्वस्मरणप्रील एका उत्तरोत्तरी,
सिन उत्तमोत्तमामा करमाक्रमालास्ताधिश स्वामिनं तरामत्यर्थ नवीदयोपिन काका प्रापि राई सन सर्वाक्षरोत्तरकमलानामच कलोतीमा उद्यत्साहा------ वत्साहन्मन्दारेसादिक
- ते या किम्मूर्य मंकारेत्यादि ।मन्दाराएतक्षस्फुटविकासवानन्दु नारा पये
एोपित्रोषाणं यागिऊमुगाणे तेषांमागतयात्तमान प्रान्दारोगस्मा साता तयाविना, प्रति मौलि कलाटेर पराकलाप्परगद एवं विप्पो यस्मा प्रत्येऽपि श्रीदेवतामंडारादिप्रस्तुतानंत सा तथा स्वमालकावाभक्तिोलश: । इति कितीय काया |
अग्रतः नींझार ग्रहाणार्थ श्रीधीन नमाम्मरम्माजेन ताशीत्या पुतमन्ना
तर संग्रहरूपांपासरस्वतीस्तुति मेवार ।।------------
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नि-अ
भक्ताभीपिनतेरसाद मारणाः भाभीप्सितग्रमाशीचर एडधाराबिन्देज जन्तानां सेवकानां मास मीप्सितानि वातानि दाबा पोदो नामर्द चरणजमोहन गुगलं ते चार बिन्दे सकमा सातस्मा सोधों, तपा डे नागवादि सरस्वति । वाग्लादेशीले सरकनाति नामा गुडलं -
लएस्तोत्रे--
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मामाकुण्डलिनी मन्त्रिमा मधुमती कालोबला मालिनी
माती विजमाजमा लावतिदिमिप्शनासामागी शक्तिः शंकर वल्लभारिजमती नागवादिनी राना
पारिणिा
इमीगति । सम्मल शोधाभारिणी, सर्वयार्यमापारणमितिन्मामात् त्यम्मेवेतिकमयादि ।
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