Book Title: Sarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 80
________________ (१२) १२ पनि पुरा. काली नगला संयोगे रे ललानमा मिले पंजाम तक पूर्व परान उमारंउतीय पराकीकारौ साला जमत्ता जो काम कति घट लार टीम लीक - सतः शिल्परचारिकासन्वितम्मना ,लाले जानाडा पूरा प्रतिप्रा देत नमसा मोगे ऐ रानाम गालीगणकावर तमाशाहहतो की को इत्यारापि, तांबापर ओकर ततो जा नलागलकनीति नाराय षष्ठकाव्योती नाला रांगोगाजा कोली नहलाना नासिनी को बना ति बाजारवाललजापानादातातिलिमि। पमा प्रयाप्त काम गतों को नहीं कराया मालमोचलनाना पाग राहिनीत्वसंग पादत्तको जनजजनाले जोमान्तली लर बर वागालोको नाd - तणे प्रादेस माजाको , माणगापार कमादामनमोग को भी नष्ट कराना गयानात गलत्सानिषु षरोपणाला कारण कामा नार, देवीलामेला चोली लागि रागिल पातालमा पीrके स्वाहागिरिस्तुते स्वाहायुजो नहारनैःकल्लास्तरमा सम्मको कैस्कोमनिषावरोविमूषा रोगुरनीगार रारोगिनिहालसलेगाएपगम प्रतिदिन न कुतिमापतु सामादल राणा

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