Book Title: Sarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 107
________________ देवा ध्यायति सवै सएफणि मुनिभिस्सूजे त्रिकालं यदीया बीजेपी काभाना पनि ति सपर रेफरूोकलाख्या के साम्यञ्ज हिंदु मुहूं सपदि मधुरिषु प्राणसट्रानिशाक्ति। ब्रह्मा स्थानं समष्टुिं विलस्तु विमलामीश्वरी सा गिरी वा च) दपकोशीथ नान वाणी स्वीकार माया जलनिधि तनया दपकोगधियाधी भूमो मंत्रे सुवाणी कशा विविधमन: कामना सस्यमालि सिद्धिः सापकीया वसति-सनिया स्वंसंह ने ..."सा दद्यादिस्ट सिसिमल शुभ मयि गिरा देवतावः । --(गीरिय) १५३ NER हस्यामै संतकारी एसकल कलितो में इसौं ६सांया चमूति यति या सवेलोबान रचमति रमितान् सिदिभिवौद्धिताना जाना कान्ति प्रवाहैः पिहित तम तट विष्टपाधि सृजति । बल्माएता पर ला जितन्तुमा पुरिमंत्रभूतिः । . STOR

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