Book Title: Sarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
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Publisher: Unknown
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... ... प्रयित्वा जन्विः परमपुरवत लोचयतीचयन्ति
वर्णन्वलीतहप्तानतिपटुकरऐरिसमाएो समालो । रव्यातिरप्याति प्रकर्षाः दमरसदसिवान स्थायतीनी यतीनां
यामायामात्सुवर्य एकदिशतु गिरा मिश्वरी मास्चरीसा ||pott
देवी देवी पियन्तां प्रदिपातु भवतां मध्यमामध्यमारात् ।
स्याये स्थायं सहरन्ति मतिविस्तिरति देवतायावसाया। शुष्ट्या शुध्दमान मर्गमुविधाकृमजोततपस पिकृतार्थ हली
दर्शदर्श प्रसग्नारचमरीयादिहरा सास्चरामास्चरामा|१717
इन्मूसिघ्राएकठापररदरसनामूलतालुप्रयुक्त।
वएं वय सुवर्षे जनयतिकुटर जन्मिनामाननम्या) निश्चं विश्व विलासः रससितगिरी पालयन्तीरयन्ति ।
सानो लकारन्सारं विरच सतुसुरी वैवी वरवरीयम् ।।
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