Book Title: Sarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 93
________________ २५ ... ... प्रयित्वा जन्विः परमपुरवत लोचयतीचयन्ति वर्णन्वलीतहप्तानतिपटुकरऐरिसमाएो समालो । रव्यातिरप्याति प्रकर्षाः दमरसदसिवान स्थायतीनी यतीनां यामायामात्सुवर्य एकदिशतु गिरा मिश्वरी मास्चरीसा ||pott देवी देवी पियन्तां प्रदिपातु भवतां मध्यमामध्यमारात् । स्याये स्थायं सहरन्ति मतिविस्तिरति देवतायावसाया। शुष्ट्या शुध्दमान मर्गमुविधाकृमजोततपस पिकृतार्थ हली दर्शदर्श प्रसग्नारचमरीयादिहरा सास्चरामास्चरामा|१717 इन्मूसिघ्राएकठापररदरसनामूलतालुप्रयुक्त। वएं वय सुवर्षे जनयतिकुटर जन्मिनामाननम्या) निश्चं विश्व विलासः रससितगिरी पालयन्तीरयन्ति । सानो लकारन्सारं विरच सतुसुरी वैवी वरवरीयम् ।। - |

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