Book Title: Sarasvatina Bhinna Bhinna Swarupo
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 76
________________ इमेव मापे पि । प्रत्र दिवप श्री स्वार/असादय सारस्वताः / तथा स्तम्भन । नशीबरयादमो अमेरिपथ सर्व गोन्साररवासादानेपानं मीनारस्थतीमाण मागीदम भरना नीटालावरलीत्मादि माननिशर सरो-मामी निशानी भारतीदायी K/ स्ममते ति सत्यधानिशी मामत रमा । कीएरशावत्यमादि कारणकष्ट्रपतिमा । भनाबालिगुलाक्षमाला जरण्यकाम्दाना डस्तई कमालच ते भूषितालेताश्यत्वारपाएमास्ःसातमा पुनः निम्न स्पष्ट मारि स्कुटीम सीरवकुमुई तस्मोडतसंग/तत्व प्रयेरंग क्रमीममालम निन्द्रा न्यान्तमरिनिर्मित प्रासादा तत्रगता प्रामीना, तथा कुन्देन्दुसंशादिनी-- कुन्दरामचन्द्रमासानना। मामले की तहबच्चेटमा - तम्मा सरस्वत्मामनकाम्बुजं वान्कमल, ततो निर्गन्ने कुन नागच्नू प्रायथ्याशात्मनुपाबिन्दु मृतबिन्दु सानिमः सान्यतमन्नानन यो मास्न माने जाते तात्मनः । ----- त्रिपद अधी। ततो तमन्नेत्यादि विमानोजल में तत, नाषितपार करवोपरिचन्द्रकान्तमारप्रासापगतालन्देन्दुमन्दरामा तननिहालोवदना गच्छत्सुपारिन्दप्रायः भारस्वतमनगमपा भदेव मामते यामी गति प्रारित दोच सम्प्रदाणागत प्यानिधित्व निकालतसितक्रममन्दसिना प्रतिष्ठि तन्मन्द्र माना गदिममदेवकुलमामाकोना जानवर इमलीण्यपुत्तन पारिटी -- दक्षिए पाएमाप्तमालामाल मालिनी ने चतुर्नुजा। परलक्रिस्पीति बन्दुका श्री भारती । तलुरमानिन्तिी मुकाबिन्दुसान्नानानि प्रात्मघदने प्तर्विशति । नत्रामारिए पारस्वतेषु सारस्वतासिपदायिनि मामले में मावि मारता --

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