Book Title: Sanskrit Prakrit Hindi Evam English Shabdakosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

View full book text
Previous | Next

Page 391
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कृत-प्राकृत-हिन्दी एवं अंग्रेजी शब्द कोश 983 to be counted again, पुनर्विचार करने भावना में कुशल, skilled in not योग्य, to be enumerated again, जोड़ने accepting. योग्य, to be inserted. प्रत्याख्यानपूर्वः, पच्चक्खाणपुव्वो, पुं०. प्रत्याख्यान प्रत्याकलित, पच्चाकलिअ, वि० गिना हुआ, निरूपण, त्याग का कथन, thought of enumerated. giving up, • प्रस्पाख्यानप्रवाद, जिसमें व्रत, प्रत्याक्षेपक, पच्चक्खेवग, वि० उपहास करने वाला, नियम, प्रतिक्रमण, प्रतिलेखन, तप, आदि का jeering, व्यंग्यपूर्वक व्यवहार, deridling. विवेचन हो। a thoughtful works, • प्रत्याक्षिप्त, पच्चविखत्त, वि० हंसा गया, being पच्चक्खाण्धप्यवादम्मि अस्थि चउरासीलक्ख - ___laughed at. पदेणं च विवेयणं। प्रत्याक्षेप्य, पच्चक्खेप्प, वि० उपहास के योग्य, to प्रत्याख्यानप्रवादः, पच्चक्खाणप्पवाओ, पुं० be laughed at a laughing stock. पूर्वगतश्रुत, प्रत्याख्यानशास्त्र, a work of प्रत्याख्यात, पच्चक्खाअ, वि० प्रतिषिद्ध निषिद्ध, giving up etc., पच्चक्खाणप्पवाओ ति warded off contradicted, खण्डित, णवपुव्वगंथो जस्सिं अत्थि वअ-णियम- तव - prohibited, अस्वीकृत मना की गई, not संजम - पडिक्कमण - पडिलेहण - आयार - accepted. वियार - कप्प - उवसग्ग - पडिमाइ - विविह प्रत्याख्यातसेवा, पच्चक्खाअसेवा, स्त्री० निषिद्ध वस्तु विसयाणं समावेसो। समणायारस्स पडिउत्तिपहाण सेवन, taking warded of thing's, • मुनि - चरिय - पुण्ण - ग्रंथो त्ति। के आहार का एक दोष, fault of sages प्रत्याख्यानावरणम्, पच्चक्खावरणं, नपुं० प्रत्याख्यान eating, • छोड़ी गई वस्तु का सेवन, taking कषाय, सकल संयम को आच्छादन करने का of gived things. कारण, covering of ful samyama's प्रत्याख्यानम्, पच्चक्खाणं, नपुं० अस्वीकार करना, causes, • पच्चक्खाणं च परिच्चागं पुण्णचागं ग्रहण नहीं करना, not accepting, not सव्व - कोह- माण - माय - लोहाइ - कसाय taking, निराकरण, repudiation, खण्डन, परिणामं च। • पच्चक्खाणं च 'आ' मज्जायाए • अवहेलना, भर्त्सना, उपेक्षा, disrespect, सव्व-कसाय - विरइ - रूव त्ति, • कसायाइ insult, • मना करना, अस्वीकृत करना, not - पहाण - कारणाओ अप्पा आवरेज्जा अच्छाइए। accepting, • परित्याग, विसर्जन, छोड़ना, महव्वइ - समणो आवरणाओ रहिओ णिच्वं giving up, • मुनि समागत दोषों का परित्याग चरेज्ज सम्मचरियं। करते हैं, जिसे सर्वविरति कहा जाता है, giving प्रत्याख्यानी, पच्चक्खाणी, स्त्री० मैं त्याग करता हूँ। up fault come, • सुहमसुहं समागय - सव्व giving up, thought's Pratyakhayani - दोसाणं च मोत्तूण जो चरए अप्पाणं तस्स हवेइ Bhasha. पच्चक्खाणं। • पच्चक्खाणं च अस्थि प्रत्यागमन, पच्चागमणं, नपुं० लौटना, वापस आना, सव्वविरइलक्खणं, • पच्चक्खाणं चाग - संजझ taking back. - संजय -णिउति त्ति। • पडित्ति पउत्ती पडिकूला प्रत्यागाल, पच्चागालो, पुं० प्रथम स्थिति से द्वितीय आ अत्थि समंत - मज्जायाए खाणं पक्कहणं च स्थिति में ले जाना, taking from first पच्चक्खाणं । सव्व - सावज्ज - विरइ त्ति।। standing in being second standing. प्रत्याख्यान-कषायः, पच्चक्खाण-कसाओ, पुं० प्रत्याचरणम्, पच्चायरणं, नपुं० बदला लेना, to take सकल संयम विघातक कषाय, impeding of 'revenge of enemity. ful samyama. प्रत्यात्मवेद्य, पच्चप्पवेज्ज, वि० आत्माज्ञाता, प्रत्याख्यानकुशलः, पच्चक्खाणकसलो, पुं० त्याग knowing of soul. For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530