Book Title: Samurchhim Manushuya Agamik Aur Paramparik Satya
Author(s): Yashovijaysuri, Jaysundarsuri
Publisher: Divyadarshan Trust

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Page 123
________________ संमूर्छिम मनुष्य : आगमिक और पारंपरिक सत्य जिनाज्ञा विरुद्ध कुछ भी लिखा हो तो त्रिविध त्रिविध मिच्छा मि दुक्कडम् । वि.सं. २०७३ चैत्र कृष्णा षष्ठी । पूज्यपाद सकलसंघहितचिंतक आचार्य श्रीभुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजा का जन्मदिन । राजकोट। आचार्य यशोविजयसूरि (श्री प्रेम-भुवनभानुसूरि समुदाय) रामलालजी महाराज का लेख एवं उनके प्रत्येक विचारबिंदु की क्रमिक और संक्षिप्त समीक्षा सिंहावलोकन न्याय से देखने की इच्छा हो तो परिशिष्ट ४ का अवश्य अवलोकन करें । प्रस्तुत परंपरा के प्रति संनिष्ठ वाचकवर्ग ! पुस्तिका पढ़ कर इस विषय में आपके अभिप्राय-प्रतिभाव अवश्य भेजें । आचार्य यशोविजयसूरि C/0. महेन्द्रभाई झवेरी एच. भेदा एन्ड कुं. 705, 'प्रशम', कस्तुरबा गांधी रोड, धरम सीनेमा के पास, राजकोट - ३६० ००१. (गुजरात राज्य) मो. : ८२६४४ ४४४४७ 90

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