Book Title: Samurchhim Manushuya Agamik Aur Paramparik Satya
Author(s): Yashovijaysuri, Jaysundarsuri
Publisher: Divyadarshan Trust

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Page 127
________________ ......... ............ संमूर्छिम मनुष्य : आगमिक और पारंपरिक सत्य पंच समितीतो पन्नत्ताओ ....... परेण स्वस्य ............. पात्र में विसर्जित ............ प्रवचनस्य = द्वादशाङ्गस्य ..... बादर-सुहमुदयेण......... ............ बादराणा पुनः ...... बारसंगुलदीहा .......... बेइंदियाणं पुच्छा ..... भूत्वाऽङ्गुलस्या........... मत्तासईए ................. मनुष्ययोनिस्वरूपमिदं .......... मनुष्याणां जन्म मरणं ........ मनुष्यादि के शरीर की मल त्यागने के बाद ..... यत्रार्काशवो न. यदुदयादन्यजीवाना .... यह भी ध्यान रखना ..... ........ यामिन्यादौ भाजने ............ रात्रि विकाले .. रात्रौ मात्रके वरिसाकाले ............. ........... विकलेन्द्रियग्रहणेनेह........ विद्धत्थाविद्धत्था ........ विध्वस्ताऽविध्वस्ता ..... ....... शरीर के भीतर रहे ....... ............

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